बागपत में 120 अपराधियों ने एक साथ छोड़ा जुर्म का रास्ता, थानों में ली शपथ

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बागपत{ गहरी खोज }:उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सभी को चौंकाया भी और प्रेरित भी किया। हत्या, लूट और डकैती जैसे संगीन मामलों में शामिल रहे 120 अपराधियों ने एक साथ अपराध की दुनिया को अलविदा कह दिया। वर्षों तक अपराध के अंधेरे में जीने वाले इन चेहरों ने अब उजाले की राह चुनी है।
इन सभी अपराधियों ने पिछले एक दशक में कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता दिखाई थी। लेकिन अब, योगी सरकार की कठोर कार्रवाई और कानून व्यवस्था की सख्ती से प्रभावित होकर इन्होंने समाज की मुख्यधारा में लौटने का निश्चय किया है।
खेकड़ा, बड़ौत, बागपत शहर, सिंघावली अहीर, बिनोली, रमला, छपरौली और दोघट थाना क्षेत्रों से ये अपराधी अपने-अपने थानों में पहुंचे। वहां थाना प्रभारियों की मौजूदगी में इन सभी ने अपराध न करने की शपथ ली। पुलिस अधिकारियों ने न केवल उन्हें सशक्त और सुरक्षित जीवन जीने की प्रेरणा दी, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में कोई अपराध करते हुए पाया गया, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन अपराधियों ने न केवल खुद अपराध छोड़ने का संकल्प लिया, बल्कि यह वचन भी दिया कि वे अपने जैसे अन्य युवाओं को भी अपराध के रास्ते से हटने की प्रेरणा देंगे। कुछ युवाओं ने कहा कि वे अब रोजगार और शिक्षा के जरिये अपनी जिंदगी को नई दिशा देंगे।
एसपी सूरज कुमार राय ने कहा, “यह पहल पुलिस और समाज दोनों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। कानून का डर और सुधार की भावना जब साथ-साथ चलें, तभी समाज में स्थायी शांति संभव है।” पुलिस प्रशासन द्वारा यह कदम न केवल कानून व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि पुनर्वास की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस की इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि यह बदलाव का बीजारोपण है, जिसे सबको सींचना होगा। बागपत का यह दृश्य संदेश देता है कि अपराध का रास्ता छोड़कर भी जीवन में इज्ज़त, सम्मान और आत्मसम्मान पाया जा सकता है। यह बदलाव केवल कानून का नहीं, बल्कि सोच का है – एक ऐसी सोच जो आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बनेगी।

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