बादलों के ऊपर बसा है ये खूबसूरत हिल स्टेशन, जुलाई में घूमने के लिए है बेस्ट

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: नीलगिरी हिल्स की तीसरी सबसे ऊंची चोटी पर बसा कोटागिरी समुद्र तल से करीब 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से आपको घाटियों का ऐसा नजारा देखने को मिलेगा जो शायद ही किसी और हिल स्टेशन पर मिले। इसकी खूबी यह भी है कि यह ऊटी और कुन्नूर जैसे मशहूर हिल स्टेशनों से थोड़ा हटकर है, जिससे यहां भीड़ comparatively कम होती है, और आपको एकदम शांत, प्रदूषण रहित वातावरण में प्रकृति का असली सौंदर्य देखने को मिलता है।
जुलाई में जब बारिश की हल्की बूंदें धरती को भिगोती हैं, कोटागिरी की वादियां और भी हरी-भरी और ताजगी भरी हो जाती हैं। चाय के बागान, ऊंचे देवदार के पेड़, बादलों से लिपटे पहाड़ और दूर-दूर तक फैले जंगल इस मौसम में और भी जादुई नजर आते हैं। यहां के झरने मानसून में पूरी रफ्तार से बहते हैं और देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
कैथरीन फॉल्स 250 फीट की ऊंचाई से गिरता है और आसपास का व्यू इतना अद्भुत होता है कि आपको कैमरा बार-बार निकालना पड़ेगा। वहीं एल्क फॉल्स शांत वातावरण के बीच स्थित है और ट्रेकिंग लवर्स के लिए बढ़िया जगह है। कोटागिरी में कई खूबसूरत ट्रेल्स हैं जहां आप ट्रेकिंग या लॉन्ग वॉक का आनंद ले सकते हैं। खासकर कोटागिरी से रंगास्वामी पीक तक का ट्रेक रोमांच से भरा होता है। यहां से सनसेट और सनराइज देख सकते हैं।
नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे चाय बागानों की सैर एक अलग ही सुकून देती है। आप यहां ताजगी भरी चाय का स्वाद भी ले सकते हैं और चाय उत्पादन की प्रोसेस को भी नजदीक से देख सकते हैं। अगर आप भी उन यात्रियों में से हैं जो शांत और कम भीड़भाड़ वाली जगहों की तलाश करते हैं, तो कोटागिरी बिलकुल फिट बैठेगा।
अगर आप यहां ट्रेन से जाना चाहते हैं तो नजदीकी रेलवे स्टेशन मेट्टुपालयम है, जो कोटागिरी से करीब 33 किमी दूर है। यहां से टैक्सी या लोकल बस से कोटागिरी पहुंचा जा सकता है। वहीं, निकटतम एयरपोर्ट कोयंबटूर है, जो लगभग 70 किमी दूर है। बाए रोड जाने वालों के लिए तमिलनाडु और कर्नाटक से कोटागिरी के लिए अच्छी सड़क सुविधा है। ऊटी और कुन्नूर से सीधी बसें भी चलती हैं।

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