दो कंपनियों का वर्चस्व अच्छी बात नहीं, हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए: सिंधिया

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि किसी भी क्षेत्र में दो कंपनियों का वर्चस्व अच्छी बात नहीं है और हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। ‘ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम’ के एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि देश में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है और सरकार 15 अगस्त से पहले छह गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को लाइसेंस मुक्त करने के नियम जारी करेगी। इसका इस्तेमाल वाई-फाई सेवाओं और डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए किया जाएगा। सिंधिया ने कहा, ‘‘ हमारा काम यथासंभव अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराना है और प्रत्येक क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा संभव कराना है। एक या दो विमानन कंपनियों का वर्चस्व पर्याप्त नहीं है।’’
इससे पहले, कार्यक्रम में पूर्व दूरसंचार नियामक भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में भी द्वैधाधिकार है और केवल दो सक्रिय सेवा प्रदाता हैं तथा उपभोक्ताओं को किफायती दरों पर ब्रॉडबैंड पहुंच उपलब्ध कराने के लिए और अधिक विकल्प उपलब्ध कराने की जरूरत है।
भारतीय दूरसंचार क्षेत्र पर वर्तमान में भारती एयरटेल और रिलायंस जियो का प्रभुत्व है जो सक्रिय रूप से 4जी और 5जी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका में अपने अस्तित्व को लेकर आशंका जाहिर की है। सरकारी बीएसएनएल ने अभी तक अखिल भारतीय स्तर पर 4जी और 5जी सेवाएं शुरू नहीं की हैं। सिंधिया ने कहा कि देश में ब्रॉडबैंड, वाईफाई के लिए फाइबर प्रौद्योगिकी है और जल्द ही उपग्रह सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। मंत्री ने कहा, ‘‘ हमें हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करनी होगी।’’ उन्होंने कहा कि उपग्रह संचार सेवाओं के लिए जल्द ही प्रशासनिक आधार पर उपग्रह कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने हालांकि उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की समयसीमा का खुलासा नहीं किया।