एआईटीए ने अध्यक्ष की विदेशी यात्राओं पर एक करोड़ रुपये खर्च किए, कुछ में पत्नी साथ थी: चटर्जी

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की वित्त समिति के सदस्य हिरण्मय चटर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि टेनिस संघ ने अध्यक्ष अनिल जैन की विदेश यात्राओं पर ‘गलत तरीके से’ एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए जिसमें उनकी पत्नी के साथ ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के लिए कुछ यात्राएं भी शामिल हैं। इन आरोपों को जैन ने यह कहकर नकार दिया कि वह पत्नी के साथ यात्रा करने के पात्र हैं। चटर्जी ने यह भी कहा कि एआईटीए के अध्यक्ष ने सितंबर 2024 के चुनावों से पहले सदस्यों के खिलाफ काम किया जिससे संबद्ध इकाइयों को पिछले साल उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा। एआईटीए के खेल उपाध्यक्ष की भी भूमिका निभाने वाले चटर्जी ने कहा कि मई 2022 में वित्त समिति ने पदाधिकारियों के विदेश दौरों के लिए भत्ते में वृद्धि की लेकिन इसे कभी भी कार्यकारी समिति की मंजूरी नहीं मिली।
चटर्जी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हालांकि मैं सदस्य हूं लेकिन मुझे उस बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने पूर्व और वर्तमान अध्यक्षों तथा महासचिवों के लिए एकमुश्त राशि बढ़ाकर 700 डॉलर प्रतिदिन कर दी। होटल की सुविधा दिए जाने वाले स्थानों पर यह राशि 300 डॉलर तय की गई जबकि कार्यकारी समिति के सदस्यों के लिए यह राशि 175 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन तथा अधिकतम सात दिन के लिए होटल का वास्तविक खर्च तय की गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने इन सिफारिशों को कभी कार्यकारी समिति से मंजूरी नहीं दिलाई। अध्यक्ष भत्ते के हकदार हैं लेकिन अध्यक्ष की पत्नी नहीं। जैन ने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी पत्नी के साथ कई बार बिजनेस क्लास में ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के लिए यात्रा की और एआईटीए ने इसके लिए गलत तरीके से भुगतान किया।’’ चटर्जी ने कहा, ‘‘अगर आप गणना करें तो एआईटीए ने अप्रैल 2021 और मार्च 2025 के बीच अध्यक्ष की विदेश यात्राओं पर एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए।’’ एआईटीए संविधान के अनुसार वित्त और कानूनी समिति, आचार समिति और चयन समितियां सहित सभी उप समितियां अनुशंसा करने वाली समितियां हैं और अंतिम निर्णय कार्यकारी समिति को करना होता है। यह पूछे जाने पर कि यह मुद्दा अब क्यों उठाया जा रहा है, अतीत में जब यह मुद्दा सामने आया तब क्यों नहीं तो चटर्जी ने कहा, ‘‘हमने इसे 2023 की वार्षिक आम बैठक में उठाया था लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं दी गई। सवाल उठाए गए थे।’’
आरोपों पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहे जाने पर जैन ने पीटीआई को बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के लिए गए थे लेकिन उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह इसके पात्र थे। जैन ने दावा किया, ‘‘अतीत में जब अध्यक्ष की पत्नी पात्र नहीं थीं तो मैंने अपनी पत्नी और बच्चों की यात्रा का खर्च अपनी जेब से उठाया था। लेकिन एआईटीए द्वारा इसे मंजूरी दिए जाने के बाद, मेरी पत्नी मेरे साथ पात्रता के आधार पर यात्रा करने लगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी कोई व्यक्तिगत एहसान नहीं मांगा। मैंने एआईटीए के लिए काम किया है और एआईटीए के लिए बड़ी मात्रा में धन जुटाया है और कभी कोई पैसा नहीं लिया।’’ जब बताया गया कि वित्त समिति ने तीन मई 2022 को अपनी बैठक में अध्यक्ष की पत्नी की पात्रता को शामिल नहीं किया तो जैन ने जवाब दिया, ‘‘यह अलग से किया गया था, अन्यथा मैं उन्हें साथ नहीं ले जाता।’’ चटर्जी ने कहा कि पिछले साल जैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के कारणों में से एक उनकी यात्रा पर अत्यधिक खर्चा भी था।
अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाली राज्य इकाइयां असम, गुजरात, जम्मू एवं कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु और त्रिपुरा थीं लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया। जैन और एआईटीए की कार्यकारी समिति के सदस्यों के बीच तब से विवाद चल रहा है जब से अध्यक्ष ने दिल्ली की अदालत से राष्ट्रीय खेल संहिता के कथित उल्लंघन के कारण संघ के चुनावों को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया ऊै। इसके बाद कार्यकारी समिति के सदस्यों ने 27 जून को अहमदाबाद में बैठक बुलाने का फैसला किया। तब से दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जैन ने अदालत से यह अनुरोध भारत के पूर्व खिलाड़ियों सोमदेव देववर्मन और पूरव राजा द्वारा दायर एक रिट याचिका का जवाब देते हुए किया जिसमें आरोप लगाया गया था कि 28 सितंबर 2024 को आयोजित एआईटीए चुनावों में खेल संहिता का उल्लंघन हुआ था।
कार्यकारी समिति के सदस्यों ने बैठक बुलाते हुए कहा कि अध्यक्ष ने एआईटीए की ओर से जवाब दाखिल करने से पहले कार्यकारी समिति में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की। बैठक के संदर्भ में कार्यकारी समिति के सभी सदस्यों और संबद्ध राज्य इकाइयों को भेजे गए ईमेल में उपाध्यक्षों में से एक ने दावा किया कि जैन की चुनाव रोकने की कोशिश जब सफल नहीं हुई तो वह पिछले साल 27 सितंबर को महासचिव अनिल धूपर को शारीरिक रूप से धमकाने के लिए डीएलटीए स्टेडियम में बाउंसर लाए थे। कार्यकारी समिति के सदस्य ने कहा कि जैन के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। जैन ने कहा कि सभी आरोप मनगढ़ंत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह सब बकवास है। उन्हें एक घोषणा पत्र भरने की आवश्यकता थी लेकिन उन्होंने इसे कभी निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया क्योंकि इससे चुनाव लड़ने के लिए उनकी अयोग्यता उजागर हो जाती।’’ जैन ने कहा, ‘‘मैं स्टेडियम में कभी कोई गुंडा नहीं लाया लेकिन मुझे पुलिस को की गई शिकायत के बारे में जानकारी नहीं है, अगर उन्होंने कोई शिकायत दर्ज कराई है तो।’’
जैन ने अपने ईमेल उत्तर में उल्लेख किया कि 27 जून को बुलाई गई कार्यकारी समिति की बैठक अवैध है क्योंकि एजेंडे में सूचीबद्ध बिंदुओं पर चर्चा नहीं की जा सकता क्योंकि संबंधित मामला अदालत में विचाराधीन है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चटर्जी ने कहा, ‘‘अदालत ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है कि हम कार्यकारी समिति की बैठक नहीं कर सकते। अगर यह बैठक अवैध है तो फिर जैन और धूपर अब भी पदाधिकारी के रूप में कैसे काम कर रहे हैं।’’