जनभागीदारी से स्वच्छता के उच्च मानक निर्धारित कर सकती हैं ग्राम पंचायतें : सीईओ

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कोरिया{ गहरी खोज }: कोरिया जिले में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत के ग्राम पंचायतों में जल्द ही स्वच्छता सर्वेक्षण होना है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा एक निजी एजेंसी को सर्वेक्षण कार्य सौंपा गया है। स्वच्छ भारत मिशत अंतर्गत प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण कराए जाने के प्रावधान हैं। यह ग्राम पंचायतों में स्वच्छता के स्तर को प्रोत्साहित करने और इसमें जनभागीदारी बढ़ाए जाने के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर नियुक्त एजेंसी द्वारा आज से लेकर अगस्त माह तक में किसी भी समय किसी भी ग्राम पंचायत में पहुंचकर यह सर्वेक्षण किया जाएगा। जिले के किसी भी ग्राम पंचायत में सर्वेक्षण टीम द्वारा यह औचक निरीक्षण की तरह पहुंचकर किया जाएगा। इस सर्वेक्षण के द्वारा एजेंसी द्वारा चार बिंदुओं के आधार पर ग्राम पंचायतों में स्वच्छता के मानक स्तर तय किए जाएगे। एजेंसी द्वारा निर्धारित पैरामीटर के आधार पर जिले की स्वच्छता रैंकिंग तय की जाएगी।
ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत होने वाले औचक सर्वेक्षण में जिले को उत्कृष्ट स्थान दिलाने के लिए जनभागीदारी को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बतलाते हुए जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने क्लीन कोरिया ग्रीन कोरिया का नारा दिया है। इसके शत प्रतिशत प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले को अच्छा स्थान दिलाने के लिए उन्होंने कई बिंदुओं पर अपने सुझाव साझा करते हुए कहा कि कोरिया जिले के हर ग्राम पंचायत में रहने वाले प्रत्येक रहवासी अपने शौचालय का उपयोग करें और उसकी नियमित साफ-सफाई पर ध्यान दें। सभी घरों से निकलने वाले दूषित जल को सोख्ता गढ़ढों में या फिर किचन गार्डन में उपयोग करें। उन्होने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर घरो में निकलने वाले हरे कचरे से जैविक खाद बनाकर खेतों और बाड़ी में उपयोग करे। अपने आस पास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और साथ ही कंही भी कचरा ना फेंकें। डॉ आशुतोष ने कहा कि ग्राम स्तर पर प्रत्येक संस्थाएं जैसे स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, धार्मिक स्थान, ग्राम पंचायत भवन, हाट बाजार परिसरों में स्वच्छता के लिए तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन के लिए डस्टबिन आदि का उपयोग करें।
राष्ट्रीय स्तर पर नियुक्त की गई एजेंसी एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा जिले में स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाना है। एक हजार अंको में रैंकिंग का निर्धारण के लिए जनता की राय, सेवा स्तर पर की गई प्रगति, सर्वेक्षण में पाए गए तथ्य और कचरे के निपटान के लिए स्थापित इकाईयों के प्रचलन की स्थिति यानी कुल चार बिंदु तय किए गए हैं। इन पैरामीटरों पर सर्वे दल द्वारा मौके पर ही मार्किंग की जाएगी जिससे ग्राम पंचायत और फिर जिले में स्वच्छता की रैंकिंग प्रदान की जाएगी।

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