नंबर वन बने रहने बहुत कुछ करना पड़ता है

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सुनील दास
संपादकीय { गहरी खोज }:
देश हो कि विश्व हो,उसमें जो नंबर वन रहता है, वह जानता है कि बहुत सारे लोग चाहते हैं कि वह नंबर वन न रहे, बहुत सारे लोग उसे नंबर दो, नंबर तीन बना देना चाहते हैं।उसके खिलाफ झूठा प्रचार किया जाता है, इसलिए उसे भी नंबर वन बने रहने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है।अमरीका वर्तमान में विश्व का नंबर वन देश है। बरसों से नंबर वन देश है और वह बरसों नंबर वन देश बने रहना चाहता है।नंबर वन बनने के लिए उसने जो किया, नंबर वन बने रहने के लिए उसे और ज्यादा करना पड़ रहा है तथा आने वाले दिनों में और ज्यादा करना पड़ेगा।वह जब भी मौका मिलेगा दुनिया के देशों तथा वहां के लोगों को बताता रहेगा कि मैं सबसे शक्तिशाली हूं, मैं सबसे श्रेष्ठ हूं, मेरे हथियार सबसे बेहतर है, मेरे यहां की बनी वस्तुए सबसे अच्छी हैं।तुमको यह पसंद करनी होगी। तुमको यह खरीदनी होगी।
अमरीका हथियारों का सबसे बड़ा सौदागर देश है। सबसे ज्यादा,अत्याधुनिक और महाविनाशकारी हथियार उसके यहां ही बनते हैं।सबसे ज्यादा उसके हथियार बिकते हैं। हथियारों की बिक्री से सबसे ज्यादा आय भी होती है। हथियार के बाजार में कोई हथियार तब ही सबसे बिकता है जब वह युध्द में टेस्ट किया जा चुका होता है। अमरीका हर दस बीस साल में युध्द का मौका तलाश लेता है इराक से पहले कई देशों में वह ऐसा कर चुका है तथा इराक के बाद ईरान में वह अपने हथियारों को प्रयाेग कर एक तरह से उनका परीक्षण कर रहा है कि वह कितने बेहतरीन हैं। वह दुनिया के देशों को बता देता है कि देखों हमारे हथियार ही सबसे भरोसेमंद है। यह आपके पास होंगे तो आपको सुरक्षा मजबूत रहेगी। यह आपके पास रहेंगे तो आपका हमला कारगर होगा। यह आपके पास होंगे तो आपके दुश्मन की हिम्मत नहीं होगी हमला करने की।
बहुत लोग नहीं जानते होंगे कि अमरीका पहले इतना धनी नहीं था, विश्व युध्द के बाद वह धनी बना। माना जाता है कि वह युध्द के कारण ही सबसे धनी देश बना। तब से वह जानता है कि विश्व में शांति होगी तो अमरीका नंबर वन नहीं बना रह सकता,शांति के वक्त कोई अपनी या अपने देश की सुरक्षा के लिए चिंतित नहीं रहता है।शांति के समय कोई देश हथियार नहीं खरीदता है। शांति का समय हथियारों के सौदागरों के सबसे बुरा समय होता है। यह बुरा समय न आए इसलिए हथियारों के सौदागर शांति के नाम पर भी हथियार बेच लेते हैं। वह कहेंगे की तुम्हारे देश में शांति तब ही रहेगी जब तुम्हारी सुरक्षा मजबूत होगी। सुरक्षा तब मजबूत होगी जब तुम हमारे हथियार खरीदोगे। किसी देश को हथियार बेचना है तो यह भी जरूरी होता है कि उसको एहसास दिलाते रहा जाए देखो तुम्हारे कितने दुश्मन हैं और दुश्मनों से मैं तुम्हें बचा सकता हूं या मेरे बनाए हथियार तुम्हें बचा सकते हैं।
जब भी कहीं युध्द होता है तो हर देश को अपनी सुरक्षा की चिंता बढ़ जाती है। हर देश खुद को असुरक्षित समझने लगता है। उसे लगता है कि उस पर भी कोई कभी भी हमला कर सकता है और वह ऐसे हथियार खरीदना है या बनाता है जो उसकी सुरक्षा को मजबूत करते हैं। इसलिए दुनिया के देशों में असुरक्षा की भावना को बढ़ाने के लिए हर दस साल में कही न कहीं युध्द होते हैं और कराए भी जाते हैं। पहले तो अमरीका ही युध्द करता था और कराता था अब तो ईरान व पाकिस्तान जैसे आतंकवादियों को पालने वाले देश भी आतंकियों का इस्तेमाल कर युध्द शुरू करवा देते हैं। ईरान ने हमास का इस्तेमाल कर इजराइल व हमास में युध्द शुरू करा दिया। इसी युध्द का विस्तार है ईरान-इजराइल युध्द, ईरान व अमरीका युद्ध।अमरीका की तरह ईरान भी मुस्लिम देशों में नंबर वन बनना चाहता है। उसे परमाणु बम नंबर बन बनने के लिए चाहिए। अमरीका उसे नंबर वन नहीं बनने देना चाहता क्योंकि नंबर वन तो हमेशा अमरीका रहा है।

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