पिछले 11 साल में कॉफी निर्यात 125 प्रतिशत बढ़कर 1.8 अरब डॉलर पर पहुंचा: सरकारी आंकड़े

बेंगलुरु{ गहरी खोज }: भारतीय कॉफी बोर्ड द्वारा उठाए गए कई कदमों के कारण पिछले 11 वर्षों में देश का कॉफी निर्यात लगभग 125 प्रतिशत बढ़कर 1.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 में निर्यात 80 करोड़ डॉलर से अधिक था। यह 2023-24 में 1.28 अरब डॉलर और 2022-23 में 1.14 अरब डॉलर था।
देश के कॉफ़ी निर्यात के लिए यूरोप शीर्ष गंतव्य बना हुआ है। भारत से कॉफ़ी आयात करने वाले प्रमुख देशों में इटली, जर्मनी, बेल्जियम, पश्चिम एशिया के देश, दक्षिण कोरिया और जापान शामिल हैं।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कॉफी बोर्ड द्वारा की गई प्रमुख पहल में पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी), निर्यात परमिट, उत्पत्ति प्रमाणपत्र को डिजिटल हस्ताक्षर के साथ ऑनलाइन जारी करना, बाधाओं पर चर्चा करने और उन मुद्दों को हल करने के लिए निर्यातकों के साथ नियमित बातचीत, तथा नियमित रूप से वैश्विक बाजार की जानकारी और बाजार आसूचना प्रदान करना शामिल है।
अन्य निर्यात संवर्धन कदमों में मूल्यवर्धित कॉफी के बाजार हिस्से को बढ़ाकर निर्यात आय को अधिकतम करने के लिए पारगमन/माल ढुलाई सहायता शामिल थी।
सरकार मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात के लिए तीन रुपये प्रति किलोग्राम प्रदान करती है, वहीं अमेरिका, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और फिनलैंड, नॉर्वे और डेनमार्क जैसे दूर-दराज के उच्च मूल्य वाले बाजारों में उच्च मूल्य वाली हरी कॉफी के निर्यात के लिए दो रुपये प्रदान करती है।
मूल्य संवर्धन के लिए कारोबारी समुदाय को सहायता देने के लिए बोर्ड व्यक्तियों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादकों को सहायता प्रदान करता है। यह पिसाई और पैकेजिंग आदि मशीनरी की स्थापना के लिए मशीनरी की लागत का 40 प्रतिशत प्रदान करता है, जिसकी अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये है।