ऑपरेशन सिंधु के ईरान ने लिए खोला एयरस्पेस, इजरायल से जंग के बीच 290 छात्र भारत लौटे

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नई दिल्ली{ गहरी खोज } : ईरान के युद्ध प्रभावित क्षेत्र मशहद से भारतीय छात्रों को लेकर चल रहे बचाव अभियान “ऑपरेशन सिंधु” के तहत महन एयर की दूसरी विशेष उड़ान (W5071) शनिवार रात दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड की। इस फ्लाइट में कमोबेश 290 से भारतीय छात्र सवार थे, जिनमें से बड़ी संख्या कश्मीर के छात्रों की थी।
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि यह फ्लाइट रात 11:30 बजे दिल्ली पहुंची। इसके साथ ही अब तक ईरान से कुल 1,117 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाया जा चुका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि ऑपरेशन सिंधु अब रफ्तार पकड़ चुका है और रविवार को ईरान से दो और विशेष उड़ानों के दिल्ली आने की योजना है।
जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह उन परिवारों के लिए एक भावुक क्षण है, जो अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। छात्रों के स्वदेश लौटने से परिजनों को गहरी राहत और सुकून मिला है।
संस्था ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से छात्र बेहद डरे हुए और मानसिक रूप से थके हुए थे। युद्धग्रस्त माहौल में जीना उनके लिए काफी मुश्किल था। उनकी सुरक्षित घर वापसी अब एक बड़ी राहत लेकर आई है, विशेष रूप से कश्मीर के लिए जहां अधिकांश छात्र रहते हैं।
बीते आठ दिनों से ईरान और इजरायल के बीच भयंकर लड़ाई चल रही है। ईरानी ठिकानों पर इजराइल लगातार हमला कर रहा है। इजराइली हमलों के कारण ईरान ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। ईरान से अधिकांश अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। ऐसे में ईरान ने भारतीय छात्रों की सकुशल निकासी के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोला है। विशेष विमान से आज 1000 भारतीय छात्रों को लेकर ईरानी विमान दिल्ली पहुंचने वाला है। दुनियाभर के देशों के लोग इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ने पर दोनों देशों से हवाई, जमीनी और समुद्री मार्ग से अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं।
ईरान और इजराइल के बीच कई दिनों से हवाई हमले जारी है। लड़ाई के कारण पश्चिम एशिया में हवाई क्षेत्र को बंद कर दिये गए हैं। वाणिज्यिक उड़ानें बुरी तरह बाधित हुई हैं और लोग इस क्षेत्र से आसानी से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। कुछ सरकारें अपने नागरिकों को सड़क मार्ग से उन देशों तक पहुंचाने के लिए भूमि सीमाओं का इस्तेमाल कर रही हैं, जहां हवाई अड्डे खुले हैं। बीते एक हफ्ते में हजारों विदेशी पहले ही अपने-अपने देश लौट चुके हैं। बुल्गारिया ने तेहरान से अपने सभी राजनयिकों को अजरबैजान की राजधानी बाकू भेज दिया है। चीन ने भी दावा किया है कि उसने ईरान से अपने 1600 से अधिक नागरिकों और इजराइल से सैकड़ों नागरिकों को निकाला है।
ईरान से निकलने की कोशिश के पहले चरण के रूप में, 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से उत्तरी ईरान से बाहर निकाला गया और सीमा पार करके आर्मेनिया ले जाया गया। इस यात्रा की निगरानी ईरान और आर्मेनिया में भारतीय मिशनों द्वारा संयुक्त रूप से की गई। इसके बाद छात्र 18 जून को दोपहर 2:55 बजे अर्मेनियाई राजधानी येरेवन से एक विशेष उड़ान में सवार हुए और गुरुवार की सुबह सुरक्षित रूप से नई दिल्ली पहुंचे।
ईरान से छात्रों को सफलतापूर्वक निकालने के एक दिन बाद, सरकार ने गुरुवार को बढ़ते तनाव के बीच इजरायल छोड़ने की इच्छा रखने वाले भारतीयों के लिए निकासी अभियान शुरू किया था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय नागरिकों को इजरायल से जमीनी सीमा के रास्ते निकाला जाएगा, जिसके बाद हवाई मार्ग से उनके भारत वापस आने की व्यवस्था की जाएगी। तेल अवीव में भारतीय दूतावास इस अभियान की रसद और तालमेल की देखरेख करेगा।
आठ दिनों से जारी जंग के बीच इजराइल ने कहा है कि वो ईरान पर अपने हमलों में इजाफा करेगा। इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने तेहरान में ईरानी शासन के ठिकानों पर हमले तेज करने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि इसका मकसद ईरान की सरकार को अस्थिर करना और भविष्य के किसी भी हमले को रोकना है। काट्ज ने कहा है “हमें शासन के सभी प्रतीकों और उनके दमनकारी तंत्रों जैसे बसीज बल और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को निशाना बनाना होगा, जो सत्ता का असली आधार हैं।”
एसोसिएशन ने भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और ईरान स्थित भारतीय दूतावास का भी आभार जताया और कहा कि उन्होंने समय पर और कुशल समन्वय के साथ छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने अपील की कि जो छात्र अभी भी ईरान के विभिन्न हिस्सों में फंसे हैं, विशेषकर कश्मीर के करीब 700 छात्र, उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और वहां से स्वदेश लाया जाए।

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