वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान में दो करोड़ 53 लाख से अधिक लोगों ने की सहभागिता

जयपुर{ गहरी खोज }: राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर जल संरक्षण के लिए गत पांच से बीस जून तक चलाये गये वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान में दो करोड़ 53 लाख से अधिक लोगों की सहभागिता से इस अभियान ने जल संरक्षण एवं संचयन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री शर्मा ने गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर गत पांच जून को इस अभियान की शुरुआत की और उनकी लगातार प्रेरणा से इस अभियान के तहत लाखों लोग अपने घर से निकले और जल संरक्षण कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया जिससे यह अभियान जन आंदोलन बन गया। आंदोलन के आखिरी दिन 20 जून तक के आंकड़ों के अनुसार अभियान के तहत तीन लाख 70 हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें 1.32 करोड़ महिलाओं सहित लगभग दो करोड़ 53 लाख से अधिक नागरिकों ने भाग लिया।
अभियान में 42 हजार 200 से अधिक जल स्रोतों के साथ लगभग 73 हजार 900 से अधिक कार्यालयों, अस्पतालों एवं विद्यालयों की साफ-सफाई की गई है। इस अभियान में लगभग 18 हजार 900 पूर्ण कार्यों का अवलोकन-लोकार्पण हुआ और करीब पांच हजार 900 नए कार्यों का शुभारंभ भी किया गया है। इसके साथ ही आमजन ने जल संरक्षण गतिविधियों के तहत लगभग एक लाख दो हजार से अधिक स्थानों पर श्रमदान भी किया।
अभियान के दौरान जल संचयन एवं जल स्रोतों को सहेजने का संदेश जन-जन तक पहुंचाने एवं जन-जागरूकता के लिए 13 हजार 600 ग्राम सभाएं, 6 हजार 800 प्रभात फेरियां, 9 हजार 800 कलश यात्राएं, 6 हजार विभिन्न प्रकार की चौपालें आयोजित की गई। इस दौरान सीएसआर एवं दानदाताओं के सहयोग से कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान में तीन हजार 200 रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण भी कराया गया।
अपार जन सहयोग के साथ संचालित इस अभियान से प्रदेशभर में जल स्त्रोतों की दिशा और दशा में अभूतपूर्व सुधार आया है। विस्तृत कार्ययोजना और व्यापक प्रभाव से यह अभियान पर्यावरणीय दृष्टि से एक प्रेरणा स्राेत के रूप में उभरा है जिसके आगामी समय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण जल की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती रही है। मानसून के दौरान वर्षा का असमान रूप से वितरण और सतही जल की कम उपलब्धता के कारण राजस्थान मुख्यतः परंपरागत जल स्रोतों एवं साधनों पर आश्रित रहा है। इन जल स्रोतों के संरक्षण और इनमें संचयन के लक्ष्य की प्राप्ति के क्रम में गत पांच से बीस जून तक श्री शर्मा ने वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान की पहल की और इस अभियान जन केन्द्रित रखा गया।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने इस अभियान की गत पांच जून को जयपुर के रामगढ़ बांध पर श्रमदान कर शुरुआत की और इसके साथ ही बूंदी के केशोरायपाटन में चंबल मां को चुनरी ओढ़ाई और भरतपुर की सुजानगंगा नहर पर दीपदान किया। अभियान के दौरान मुख्यमंत्री ने व्यक्तिशः प्रदेश के विभिन्न अंचलों में जाकर इसमें भागीदारी और सतत् निगरानी की। उन्होंने गत नौ जून को पुष्कर में ब्रह्म घाट पर तीर्थराज पुष्कर का पूजन किया और ब्यावर में जवाजा तालाब की पाल पर जलाभिषेक किया। इसके बाद 18 जून को मुख्यमंत्री ने राजसमंद में झील स्थित नौचौकी पाल पर झील आरती की। वह जालोर में सीलू घाट पर मां नर्मदा की विधिवत पूजा-अर्चना की वहीं 20 जून को उन्होंने जैसलमेर में प्राचीन गडीसर झील का पूजन एवं गंगा आरती कर अभियान का समापन किया।