आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी बाजार की नजर

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मुंबई{ गहरी खोज }: इजराइल-ईरान तनाव के बावजूद निवेशकों के स्थानीय कारकों को प्राथमिकता देने की बदौलत हुई लिवाली से बीते सप्ताह डेढ़ प्रतिशत से अधिक उछले घरेलू शेयर बाजर की अगले सप्ताह वैश्विक और स्थानीय स्तर पर जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1289.57 अंक अर्थात 1.6 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 82408.17 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 393.8 अंक यानी 1.6 प्रतिशत उछलकर 25112.40 अंक पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा। इससे मिडकैप 201.02 अंक अर्थात 0.44 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 45480.26 अंक और स्मॉलकैप 991.77 अंक यानी 1.9 प्रतिशत का गोता लगाकर 52378.52 अंक पर आ गया।
विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजार ने इस सप्ताह मजबूती के साथ समापन किया, जबकि मध्य-पश्चिम में जारी तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी के कारण सप्ताह के मध्य में बाजार में अस्थिरता देखी गई थी। बावजूद इसके, निवेशकों ने घरेलू कारकों को प्राथमिकता देते हुए सकारात्मक रुख बनाए रखा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा परियोजना वित्तपोषण के मानदंडों में ढील दिए जाने से विशेष रूप से वित्तीय शेयरों को समर्थन मिला। साथ ही, केंद्रीय बैंक के निरंतर नरम रुख और संभावित ब्याज दरों में कटौती के संकेत ने बाजार की धारणा को और मजबूत किया। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में भारतीय मौद्रिक नीति एक स्थिर शक्ति के रूप में उभर रही है।
सप्ताह की शुरुआत में भू-राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया, जिससे मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं गहराई। हालांकि, सप्ताह के उत्तरार्द्ध में इन कीमतों में तेजी की रफ्तार थम गई, जिससे कीमतों में दीर्घकालिक उछाल की आशंका कुछ हद तक कम हो गई।
फार्मास्युटिकल क्षेत्र पर भी निवेशकों की नजर रही क्योंकि नए टैरिफ प्रस्तावों ने इस क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है। उधर, अमेरिका की संभावित सैन्य भागीदारी को लेकर मध्य-पश्चिम संकट पर अटकलों ने भी बाजार को अस्थिर किया लेकिन वैश्विक नेताओं द्वारा कूटनीतिक संयम बरतने और हस्तक्षेप को दो सप्ताह तक स्थगित करने के निर्णय से निवेशकों को राहत मिली।
इसके अलावा, पारस्परिक शुल्कों पर 90-दिवसीय रोक की अवधि समाप्ति की ओर बढ़ रही है, जिससे आने वाले दिनों में व्यापार वार्ताओं की गतिविधियों पर बाजार की पैनी नजर बनी हुई है। आगामी सप्ताह में भारत के पीएमआई आंकड़े, अमेरिका की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) रिपोर्ट और पीसीई आंकड़े जैसे प्रमुख आर्थिक संकेतक घरेलू और वैश्विक दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकते हैं।
बीते सप्ताह बाजार में दो दिन तेजी जबकि तीन दिन गिरावट रही। विश्व बाजार की तेजी के बीच स्थानीय स्तर पर नीचे भाव पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत पिछले लगातार दो दिन की गिरावट से उबरकर सोमवार को सेंसेक्स 677.55 अंक की छलांग लगाकर 81,796.15 अंक और निफ्टी 227.90 अंक उछलकर 24946.50 अंक पर पहुंच गया।
इजराइल और ईरान में लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तेहरान खाली करने की अपील से विश्व बाजार में आई गिरावट से सहमे निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 212.85 अंक लुढ़ककर 81,583.30 अंक और निफ्टी 93.10 अंक टूटकर 24853.40 अंक पर बंद हुआ।
विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर आईटी, यूटिलिटीज, धातु, पावर, टेक और फोकस्ड आईटी समेत 17 समूहों में हुई बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 138.64 अंक की गिरावट लेकर 81,444.66 अंक और निफ्टी 41.35 अंक फिसलकर 24812.05 अंक पर आ गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सतर्क संकेतों और मध्य-पश्चिम में जारी भू-राजनीतिक तनाव से निवेशकों की धारणा कमजोर पड़ने से स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, इंडस्ट्रियल्स, आईटी, रियल्टी और सर्विसेज समेत 20 समूहों में हुई बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 82.79 अंक टूटकर 81361.87 अंक और निफ्टी 18.80 अंक फिसलकर 24793.25 अंक पर आ गया।
श्री ट्रम्प के इजराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी सैन्य भागीदारी का निर्णय वापस लेने से यूरोपीय बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 1046.30 अंक की छलांग लगाकर 82408.17 अंक और निफ्टी 319.15 अंक की तेजी के साथ 25112.40 अंक पर बंद हुआ।

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