अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों को तबाह किया

वाशिगंटन{ गहरी खोज }:अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला करते हुए उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया है। इस बीच इन हमलोें से पूरी तरह बौखलाए ईरान ने कहा है कि उसे भी अपनी संप्रभुता की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और वह इनका पूरी ताकत से जवाब देगा।
श्री ट्रंप ने इन हमलोें के बाद शनिवार को सोशल मीडिया मंच पर कहा कि अमेरिकी सेना ने फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में ईरान की परमाणु सुविधाओं पर ‘बहुत सफल’ हमले किए है और अब हमारे विमान ईरानी हवाई क्षेत्र से सुरक्षित रूप से बाहर निकल चुके हैं।
इस बीच ईरान परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख मोहम्मद इस्लाम ने इन हमलों के बाद स्वीकार किया है कि ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों काे निशाना बनाया गया है। उन्होंने अपनी तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि ये हमले अंतराराष्ट्रीय संप्रभुता और नियमों का उल्लंघन है और उनका देश अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ अपने संबंध समाप्त करता है क्योंकि यह यह एजेंसी भी अमेरिका और इजरायल का साथ दे रही है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ईरान को अपने परमाणु ठिकानों पर हमलों के खिलाफ कार्रवाई करने और मुंह तोड़ जवाब देने का पूरा वैध अधिकार है। अपनी संप्रभुता, हितों और नागरिकी की रक्षा के लिए हमारे सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का खुला उल्लंघन किया है। उन्होंने आगे कहा कि आज सुबह जो कुछ हुआ, वह न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि इसके दूरगामी और खतरनाक परिणाम होंगे। संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य देश को इनका विरोध करना चाहिए।
इन हमलों के बाद ईरान ने अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ली अली खामेनेई की सुरक्षा कड़ी कर दी है और इस तरह की रिपोर्टें है कि वह इस समय किसी अज्ञात बंकर में हैं और उनकी सभी इलेक्ट्रॉनिक संचार सेवा लाइनों को बंद कर दिया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि उनका पता नहीं लगाया जा सके और किसी संभावित हमले से बचाया जा सके।
उधर सऊदी अरब की परमाणु और रेडियोलॉजिकल नियामक आयोग ने कहा है कि अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में कोई रेडियोएक्टिव असर नहीं पाया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन हमलों से यहां और अरब खाड़ी देशों के पर्यावरण पर कोई रेडियोधर्मी प्रभाव नहीं पड़ा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि ईरान अब कई रास्तों से जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इसमें वह अपनी नौसेना का इस्तेमाल कर हॉरमुज खाड़ी को बंद करना भी शामिल है। अमेरिका ने सतर्कता बरतते हुए न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी, लॉस एंजेलिस और सैन फ्रांसिस्को जैसे प्रमुख अमेरिकी शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा हवाई अड्डाें, सैन्य अड्डों और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अमेरिका के हमले के ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने अपने आधिकारिक चैनल पर लिखा, ‘अब हमारे लिए युद्ध शुरू हो चुका है. उन्हें जहां देखो, तबाह कर दो ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान को इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने भी देश के परमाणु संयंत्रों पर हमलों को स्वीकार किया।
टेलीविजन पर संबोधन में राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, “हमले एक शानदार सैन्य सफलता थी। ईरान के प्रमुख परमाणु संवर्धन संयंत्र पूरी तरह से नष्ट कर दिए गये हैं। मध्य पूर्व को धमकाने वाले ईरान को अब शांति स्थापित करनी चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो भविष्य में हमले कहीं अधिक बड़े और बहुत आसान होंगे।”
सीएनएन ने कहा कि श्री ट्रंप ईरान पर अतिरिक्त अमेरिकी हमलों की योजना नहीं बना रहे हैं और “ईरान को बातचीत के लिए वापस लाना चाहते हैं।” सीबीएस न्यूज ने कहा कि अमेरिका ने शनिवार को कूटनीतिक रूप से ईरान से संपर्क किया और कहा कि ये हमले याेजनाबद्व हैं और शासन परिवर्तन के प्रयास नहीं हैं।
स्थानीय मीडिया ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के इजरायल के प्रयास के समर्थन में सीधे हस्तक्षेप करने का श्री ट्रंप का फैसला मध्य पूर्व में ऐतिहासिक वृद्धि को दर्शाता है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि इस घटना के बाद ईरान द्वारा पूरे क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जा सकती है।
इससे पहले श्री ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह ईरान को बातचीत का अंतिम मौका देने के लिए “अगले दो सप्ताह में” निर्णय लेंगे।