बीजेपी ने फायरिंग और हत्याओं को बना दिया लोगों की दिनचर्या का हिस्सा: भूपेंद्र सिंह हुड्डा

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चंडीगढ़{ गहरी खोज }: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार ने कानून व्यवस्था को सात तालों के भीतर बंद करके चाबी बदमाशों के हाथों में पकड़ा दी है। प्रदेश में अपराध इस कद्र बेकाबू है कि फायरिंग और हत्याएं अब लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गई हैं। जींद के खरकरामजी गांव में हुई कारोबारी की हत्या ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि हरियाणा में भाजपा’राज’ नहीं बल्कि गुंडा’राज’ चल रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इन दोनों बीजेपी सरकार सोशल मीडिया पर कार्टून पोस्ट करके वही बातें बोल रही है, जो हमने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान कही थी। कांग्रेस सरकार के दौरान बदमाशों को स्पष्ट चेतावनी दे दी गई थी कि या तो बदमाशी छोड़ दो या फिर हरियाणा छोड़ दो। हमने सिर्फ ये बात कही ही नहीं थी, बल्कि इसे लागू भी करके दिखाया था।
कांग्रेस सरकार ने प्रदेश से गैंगस्टर, माफिया और बदमाशों का पूरी तरह सफाया कर दिया था। लेकिन बीजेपी सरकार कार्टून बनाकर कोरी डायलॉगबाजी कर रही है। अगर उसे नकल ही करनी है तो कांग्रेस की नीति की नकल करनी चाहिए और प्रदेश से कांग्रेस सरकार की तरह अपराध का सफाया करना चाहिए। लेकिन कानून व्यवस्था व लोगों की सुरक्षा कभी भी बीजेपी की प्राथमिकता रही ही नहीं।
जिस बीजेपी को जनता ने सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है, वह के अहंकार में मदमस्त होकर इवेंजबाजी में लगी हुई है। सरकार खुद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर अपराध को संरक्षण दे रही है। इसीलिए कभी रोहतक से खबर आती है कि बदमाशों ने शराब के ठेके पर फायरिंग करके, इंस्टाग्राम पर वीडियो डाला। कभी हांसी से खबर आती है कि व्यापारी से 50 लाख की फिरौती मांगी गई। कभी टोल प्लाजा और खाद की दुकान पर फायरिंग की खबरें आती हैं तो कभी कुरुक्षेत्र में शराब ठेकेदार की गोलियां मारकर हत्या करने की। पिजौर से लेकर पलवल तक, महेंद्रगढ़ से लेकर यमुनानगर तक पूरे प्रदेश के अखबार रोज ऐसी खबरों से भरे मिलते हैं।
हुड्डा ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आते ही प्रदेश में गुंडाराज स्थापित हो जाता है। इससे पहले जब साल 2000 से 2005 तक बीजेपी और इनेलो की सरकार थी, तब हरियाणा में ऐसी ही गुंडागर्दी और माफियाराज था। आए दिन गोलीबारी, फिरौती और डकैती की वारदातें होती थीं। एक बार फिर हरियाणा में वही सब हो रहा है। इस सरकार ने हरियाणा को माफिया राज और गैंगवॉर में धकेल दिया है। खुद प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) रिपोर्ट में हरियाणा को देश का सबसे असुरक्षित राज्य बताया गया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट भी चीख-चीखकर यही गवाही देती है।
2022 में एक साल के भीतर प्रदेश में 1020 हत्याएं यानी रोज 3 हत्याएं हुई। 2022 के दौरान ही हरियाणा में 1786 रेप की वारदातें हुईं यानी रोज 4-5 रेप हुए। महिलाओं के विरुद्ध अपराध की बात की जाए तो 1 साल के भीतर 16,743 केस सामने आए। यानी रोज 46 केस दर्ज हुए। 118.7 क्राइम रेट के साथ हरियाणा पूरे देश में पहले नंबर पर है। 2014-15 में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के सालाना मामले करीब 9000 थे, जो आज बढ़कर लगभग दोगुना हो गए हैं। यानी इनमें 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रदेश में रोज सौ से ज्यादा चोरी, लूट, डकैती, फिरौती व अपहरण की वारदातें होती हैं। मौजूद सरकार ने ऐसा हाल बना दिया है कि आम जनता तो क्या खुद पुलिस, नेता, विधायक और यहां तक कि बीजेपी के विधायक तक सुरक्षित नहीं हैं। कारोबारी फिरौती व गुंडागर्दी के डर से हरियाणा छोड़कर पलायन कर रहे हैं। यह बदमाशों का ही डर है कि इसबार आधे शराब के ठेकों के लिए लोगों ने टेंडर ही नहीं लगाए।

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