मोदी ने योग को विश्वशांति, समरसता का आंदोलन बनाने का आह्वान किया

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नयी दिल्ली /विशाखापट्टनम{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को पूरी दुनिया के लिए शांति, समरसता और स्वास्थ्य का आंदोलन बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशाखापट्टनम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि भारत विश्व भर में योग के प्रचार प्रसार के लिए इसमे निहित विज्ञान को आधुनिक अनुसंधान के माध्यम से आगे बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि योग को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान दिलाने का प्रयास चल रह है।
श्री मोदी ने कहा “ राष्ट्रीय आयुर्वेद मिशन के जरिए भी योग और वेलनेश के मंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है और इसमें डिजिटल प्राद्योगिकी की भी कारगर मदद ली गयी है।”
योग को जन आंदोलन बनाने की अपील करते हुये श्री मोदी ने कहा “आईये हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन बनाये एक ऐसा आंदोलन जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर से ले जाये जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाये। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिराने का माध्यम बने और जहां योग फॉर वनअर्थ, वन हैल्थ ( एक धरती एक स्वास्थ्य के लिए योग)एक वैश्विक संकल्प बन जाये।”
कार्यक्रम में आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल सय्यद अब्दुल मजीद ,आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू केन्द्रीय मंत्री के राम मोहन राव नायडू , प्रताप राव जाधव , चन्द्र शेखर ,भूपति राजू ,श्री निवास वर्मा, आन्ध्र पदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ योगाभ्यास किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग को सीधा सादा अर्थ होता है जुड़ना और यह देखना सुखद है कि योग आज किस तरह विश्व को जोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के हमारे प्रस्ताव के साथ आज एक सौ 75 देश खड़े है आज की दुनिया में ऐसी एकता ,ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है आज योग करोड़ों लोगों की जीवन शैली बन चुका है। आज ब्रेल लिपि में योग की शिक्षा दी जा रही है।
आज ग्यारहवें योग दिवस पर पूरी दुनिया में जगह जगह योग कार्यक्रम हो रहे है।

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