मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर द्वारा पड़ोसी राज्य पंजाब को पानी दिए जाने के मुद्दे पर कहा, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं

JAMMU, JUN 20 (UNI):- Jammu and Kashmir Chief Minister Omar Abdullah inaugurating at the Raabita office, in Jammu on Friday. UNI PHOTO-130U
जम्मू { गहरी खोज }: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पड़ोसी राज्य पंजाब को सिंधु नदी प्रणाली का जल देने का सख्ती से विरोध किया है। जब उनसे पूछा गया कि कथित तौर पर केंद्र शासित प्रदेश में सिंधु प्रणाली की तीन पश्चिमी नदियों के अतिरिक्त पानी को हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की ओर मोड़ने के लिए केंद्र सरकार एक नहर का निर्माण करवा रही है, तो उन्होंने दो टूक कहा कि हम उन्हें अपना पानी क्यों देंगे।
शुक्रवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं पंजाब को पानी क्यों भेजूं?” उनके तीखे लहजे से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री दोनों क्षेत्रों के बीच वर्षों से चले आ रहे विवाद को नहीं भूले हैं। मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर द्वारा पड़ोसी राज्य पंजाब को पानी दिए जाने के मुद्दे पर कहा, “मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। मैं कभी भी इसकी इजाजत नहीं दूंगा। जम्मू में सूखे जैसे हालात हैं, इसलिए पहले हम अपने पानी का इस्तेमाल खुद करेंगे।”
अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में सिंधु प्रणाली की तीन पश्चिमी नदियों से अतिरिक्त पानी को हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में पुनर्निर्देशित करने के लिए प्रस्तावित 113 किलोमीटर लंबी नहर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “सिंधु जल संधि के तहत पंजाब के पास पहले से ही पानी है। क्या उन्होंने हमें तब पानी दिया था, जब हमें इसकी जरूरत थी, फिर मैं पंजाब को पानी क्यों भेजूं। उन्होंने कितने साल हमें रुलाया, तो हम ऐसे कैसे दे देंगे पानी। फिलहाल ये पानी हमारे लिए है। पहले ये पानी हम इस्तेमाल करेंगे, फिर बाद में किसी के बारे में सोचेंगे।”
दरअसल, अब्दुल्ला की नाराजगी पठानकोट में शाहपुर कंडी बैराज के निर्माण को लेकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर सरकारों के बीच 45 साल पुराने विवाद पर था। 1979 में हस्ताक्षरित इस योजना पर विवाद छिड़ गया था। बाद में केंद्र की मध्यस्थता के बाद दोनों राज्यों के बीच समझौता 2018 में हो सका। इस बैराज का उद्देश्य रावी नदी से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोकना था। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “कितने साल उन्होंने हमें रुलाया।”
55 वर्षीय मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित 113 किलोमीटर लंबी नहर पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, “फिलहाल पानी हमारे लिए है।” अब्दुल्ला ने कहा, “हम पहले पानी का इस्तेमाल खुद करेंगे और फिर दूसरों के बारे में सोचेंगे।” अब्दुल्ला के इस रुख से साफ है कि वह पंजाब को पानी देने को इच्छुक नहीं है। इसका मतलब यह है कि आने वाले गिनों में दोनों राज्यों के बीच प्रस्तावित नहर को लेकर नया विवाद छिड़ सकता है। कुछ दिनों पहले ही भाखड़ा नांगल बांध से पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा आमने-सामने आ चुके हैं।