सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत 23 आरोपितों के खिलाफ एसआईटी ने दाखिल की चार्जशीट

मुरादाबाद{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के जनपद संभल में बीते वर्ष 24 नवम्बर को विवादित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में आरोपित बनाए गए समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, पूर्व मंत्री संभल सदर विधायक नवाब इकबाल के बेटे समेत 23 आरोपितों के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को एमपीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। सांसद व विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में नामजद आरोपित बनाया गया था साथ अन्य विभिन्न अज्ञात आरोपित भी शामिल थे। इसी मुकदमें में जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट की भूमिका प्रकाश में आने के बाद उनकी भी गिरफ्तारी कर ली थी। अब एसआईटी ने तथ्यों के आधार पर सांसद, विधायक पुत्र समेत 23 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
संभल पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि एसआईटी ने तथ्यों के आधार पर विवेचना पूरी कर ली है। बुधवार को न्यायालय में विवेचक द्वारा चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। मालूम हो 24 नवंबर 2024 को हुए बवाल के बाद संभल कोतवाली और नखासा थाने में 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसमें चार हत्या के मामले शामिल थे। एसआईटी को इन मुकदमों की जांच सौंपी गई थी। 10 मुकदमों की चार्जशीट तो एसआईटी द्वारा न्यायालय में दाखिल कर दी गई थी। सांसद और विधायक के बेटे जिस मुकदमे में नामजद आरोपी बनाए गए थे। उसी को इस पूरे बवाल को मुख्य मुकदमा पुलिस द्वारा भी माना जा रहा था।
जामा मस्जिद के नजदीक हुए बवाल में मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में दर्ज एफआईआर के अनुसार सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बवाल से पहले भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। जबकि बवाल के दिन विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। बाद में सांसद पर आरोप लगा कि बवाल से पहले ही उन्होंने सर्वे को रोकने और भीड़ एकत्र करने के लिए कहा था। इसी तरह के अन्य कई आरोप सांसद पर लगे हैं।