“योग से बदली ज़िंदगी की दिशा”, मीनाबेन सचानिया ने 30 किलो वजन घटाकर बनीं योग प्रशिक्षक

आज 65 लोगों को दे रही हैं स्वास्थ्य का मंत्र
वडोदरा { गहरी खोज }: “योग से बदली ज़िंदगी की दिशा”, मीनाबेन सचानिया ने 30 किलो वजन घटाकर बनीं योग प्रशिक्षक मोटापा आज केवल एक शारीरिक समस्या नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुका है, जो मानसिक और सामाजिक परेशानियों का भी कारण बनता है। इस चुनौतीपूर्ण समय में वडोदरा की 55 वर्षीय मीनाबेन सचानिया योग की शक्ति का प्रेरणादायक उदाहरण बनी हैं।
मूल रूप से सौराष्ट्र की निवासी मीनाबेन पहले टाटा केमिकल्स, मीठापुर में ग्राम विकास पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत थीं। 2007 में वडोदरा आकर जीवनशैली, पारिवारिक जिम्मेदारियों और पेशे में बदलाव के कारण उनका वजन 110 किलोग्राम तक पहुँच गया। कमजोर शरीर और मानसिक थकान के बीच उन्होंने 2020 में योग से जीवन को बदलने का संकल्प लिया।
शुरुआत में कठिनाइयाँ रहीं, बैठने में परेशानी, उठने में सहारा लेना पड़ता था ,लेकिन नियमित योगाभ्यास से उन्होंने तीन वर्षों में 30 किलो वजन कम कर लिया। आज मीनाबेन न सिर्फ़ शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी पहले से कहीं अधिक सशक्त हैं।
उनका कहना है, “योग ने मेरे भीतर की ऊर्जा को जगाया। अब मैं संतुलित, शांत और आत्मविश्वासी महसूस करती हूँ।” वर्तमान में मीनाबेन गुजरात योग बोर्ड से बतौर प्रशिक्षक जुड़ी हैं और प्रतिदिन विभिन्न आयु वर्ग के 65 से अधिक लोगों को योग सिखा रही हैं। उनका विशेष फोकस वरिष्ठ नागरिकों पर है।
एक समय था जब मीनाबेन घर-घर जाकर अचार व घर का खाना बेचती थीं, लेकिन आज वह दूसरों को सेहत की राह दिखा रही हैं। उनके अनुसार, “योग ने मेरी ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी। अब मैं दूसरों के जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम कर रही हूँ – यही सबसे बड़ी संतुष्टि है।”
उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि योग न केवल मोटापे से लड़ने में मदद करता है, बल्कि जीवनशैली में स्थायी बदलाव लाने का प्रभावशाली माध्यम भी है। मीनाबेन की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने जीवन में बदलाव लाने का संकल्प लेना चाहता है।