रास्ता जाम करने वाले 2 कांग्रेस विधायकों को हुई सजा

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जयपुर { गहरी खोज }: करीब 11 साल पुराने एक मामले में जयपुर की जिला अदालत ने कांग्रेस के दो विधायकों सहित कुल 9 लोगों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी को सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने और कानून के खिलाफ बिना अनुमति के एकत्र होने का दोषी पाया है। यह मामला 13 अगस्त 2014 का है, जब दोषियों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट के सामने स्थित जेएलएन मार्ग को करीब 20 मिनट तक जाम कर दिया था। अदालत ने इस धरना-प्रदर्शन को कानून व्यवस्था के उल्लंघन की श्रेणी में माना और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत सभी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
जिन विधायकों को सजा सुनाई गई वे वर्तमान में कांग्रेस से विधायक हैं। उनके नामों का खुलासा अभी अधिकारिक दस्तावेजों में नहीं किया गया है, लेकिन यह फैसला राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
13 अगस्त 2014 को जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन किसी छात्रसंघ चुनाव या विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णयों के विरोध में था। उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति के जेएलएन मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बाधित हुई और आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा।
जयपुर की जिला अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बिना अनुमति के सार्वजनिक मार्ग को जाम करना न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि यह सार्वजनिक शांति में खलल डालने जैसा कृत्य है। इसी आधार पर अदालत ने सभी 9 आरोपियों को 1-1 वर्ष की साधारण कैद की सजा सुनाई। हालांकि सजा सुनाए जाने के कुछ ही देर बाद सभी आरोपियों को जमानत दे दी गई। आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट में जमानत याचिका पेश की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब सभी को उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति भी मिल गई है। फैसले के बाद कांग्रेस खेमे में हलचल है। पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का नाम दिया है, जबकि कुछ अन्य ने कहा कि वे न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन अपील ज़रूर करेंगे।

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