फसलों का उचित मूल्य न मिलने से किसान आक्रोशित, सड़क पर सब्जियाँ फेंक कर किया विरोध प्रदर्शन

कोलकाता{ गहरी खोज }: मुर्शिदाबाद ज़िले के किसानों का सब्र आखिर टूट गया। सब्जियों का वाजिब दाम न मिलने से नाराज़ किसानों ने बुधवार सुबह हरिहरपाड़ा-बेहरामपुर राज्य राजमार्ग पर पटवल, खीरा और लाफा साग सड़क पर फेंककर अपना विरोध दर्ज कराया। किसानों का कहना है कि मंडियों में उनकी उपज कौड़ियों के दाम खरीदी जा रही है, जिससे लागत निकालना भी नामुमकिन हो गया है।
किसानों ने बताया कि वर्तमान में पटवल का थोक बाजार मूल्य महज 2 रुपये प्रति किलो, लाफा साग 2 रुपये किलो और खीरा 3 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। स्थिति यह है कि व्यापारी पटवल तक खरीदने को तैयार नहीं हैं। ऐसी दशा में उनका कहना है कि वे अपनी फसल लेकर जाएं भी तो कहां?
इस स्थिति से नाराज होकर हरिहरपाड़ा थाना अंतर्गत रायपुर और खिदिरपुर इलाके के कई किसानों ने मियार बागान हाट और राजमार्ग पर ही पटवल, खीरा और अन्य सब्जियां फेंक दीं। किसानों का कहना है कि इतनी कम कीमत में न खाद का पैसा निकल रहा है, न बीज का, न मजदूरी का।
स्थानीय किसान अली हुसैन ने कहा, “हमने खून-पसीना एक कर खेतों में फसल उगाई, लेकिन मंडियों में कोई खरीदार नहीं, जो आए भी तो आधे दाम लगाकर चला जाता है। सरकार अगर हमारी नहीं सुनेगी तो हम सड़क पर उतरने को मजबूर हैं।”
किसानों की मांग है कि राज्य सरकार तुरंत दखल दे और सब्जियों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था करे। उनका कहना है कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो यह आंदोलन पूरे जिले में फैल सकता है।
किसान नेता शेख मुस्ताक अहमद ने कहा, “किसान इस हालत में कब तक जिंदा रह पाएंगे? लागत बढ़ रही है, लेकिन दाम घट रहे हैं। हम सरकार से ठोस नीति की मांग करते हैं वरना आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होगा।”
मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को समझाने का प्रयास किया, मगर किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार फसलों के वाजिब दाम सुनिश्चित करने की घोषणा नहीं करती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
किसानों ने यह भी कहा कि जब धान, गेहूं जैसी फसलों के लिए MSP है तो सब्जियों के लिए भी यह अनिवार्य किया जाए। उन्होंने आशंका जताई कि यदि सरकार ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो सब्जी उत्पादक किसान दिवालिया हो जाएंगे और गांव छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।