भारत कनाडा संबंध पटरी पर लौटे

कैनानास्की (कनाडा){ गहरी खोज } : भारत और कनाडा ने मंगलवार को एक दूसरे की चिंताओं, संवेदनशीलता, लोगों के बीच मजबूत संबंधों तथा आपसी सम्मान पर आधारित एक रचनात्मक और संतुलित साझीदारी की बहाली की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने का मार्ग प्रशस्त किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच अल्बर्टा के कैनानास्की में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक में यह महत्वपूर्ण सहमति बनी और नयी दिल्ली तथा ओटावा में उच्चायुक्तों की नियुक्ति की घोषणा की गयी।
गौरतलब है कि कनाडा के हाल के आम चुनावों के बाद प्रधानमंत्री कार्नी के पदभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली व्यक्तिगत बातचीत थी। इस बैठक में दोनों पक्षों को भारत-कनाडा संबंधों की स्थिति और आगे के रास्ते पर स्पष्ट और दूरदर्शी चर्चा करने का अवसर मिला।
विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति सम्मान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के आधार पर भारत-कनाडा संबंधों के महत्व की पुष्टि की। उन्होंने चिंताओं और संवेदनशीलता, लोगों के बीच मजबूत संबंधों और बढ़ती आर्थिक पूरकताओं के प्रति आपसी सम्मान पर आधारित एक रचनात्मक और संतुलित साझीदारी को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस संबंध में दोनों पक्ष संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए कैलिब्रेटेड और रचनात्मक कदम उठाने पर सहमत हुए, जिसकी शुरुआत उच्चायुक्तों की एक-दूसरे की राजधानियों में जल्दी वापसी के निर्णय से हुयी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास को फिर से स्थापित करने और संबंधों को गति देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में वरिष्ठ मंत्रिस्तरीय और कार्य स्तर की बैठकों को फिर से शुरू करने के महत्व को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी), खाद्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, उच्च शिक्षा, गतिशीलता और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन जैसे क्षेत्रों में भविष्य में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की।
उन्होंने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने में साझा रुचि की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (ईपीटीए) पर रुकी हुयी वार्ताओं को फिर से शुरू करने के महत्व पर भी चर्चा की। वे इस संबंध में आगे अपने संबंधित अधिकारियों को काम सौंपने के लिए सहमत हुए।
दोनों दोनों नेताओं ने जी-7 शिखर सम्मेलन में हुई महत्वपूर्ण प्रगति और जलवायु कार्रवाई, समावेशी विकास और सतत विकास जैसी वैश्विक प्राथमिकताओं पर रचनात्मक रूप से एक साथ काम करने की साझा इच्छा को स्वीकार किया।
उन्होंने दोनों देशों के बीच लोगों के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित किया और दोनों देशों के लाभ के लिए इस जीवंत सेतु का लाभ उठाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेता संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए और जल्द से जल्द एक-दूसरे से मिलने के लिए उत्सुक थे।
श्री मोदी ने इस बैठक के साथ ही कनाडा की यात्रा पूरी कर कालगरी हवाई अड्डे से अपनी यात्रा के अंतिम चरण में क्रोएशिया की राजधानी जगरेब के लिए उड़ान भरी।