लिवर सिरोसिस के क्या हैं लक्षण, कैसे पहचाने मुश्किल में है जिगर, जानिए किन कारणों से होता है?

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: लाइफस्टाइल बिगड़ने से लिवर की सेहत भी खराब होने लगी है। जबकि कहा जाता है कि लिवर शरीर का ऐसा अंग हो जो खुद ही अपने आप को रिपेयर कर लेता है। यानि अगर लिवर में कोई हल्की समस्या हो रही है तो लिवर उसे खुद ठीक कर लेता है। इसीलिए लिवर को शरीर का डॉक्टर भी कहा जाता है। लेकिन लंबे समय तक खराब लाइफस्टाइल और कुछ बीमारियों की वजह से लिवर पर बुरा असर पड़ता है। जिससे फैटी लिवर और फिर लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
लिवर सिरोसिस होने पर लिवर के टिशूज में स्कार यानि घाव जैसे बन जाते हैं। हर बार लिवर जब चोटिल होता है तो खुद को ठीक करने की कोशिश करता है इस प्रक्रिया में लिवर के ऊपर स्कार टिशूज बनने लगते हैं। जब ये स्कार टिशूज हेल्दी टिशूज से ज्यादा हो जाते हैं तो लिवर के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है। ये बीमारी इसलिए ज्यादा खतरनाक मानी जाती है क्योंकि इसके लक्षण काफी गंभीर स्थिति होने के बाद ही नजर आते हैं। जानिए लिवर सिरोसिस होने पर शरीर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

लिवर सिरोसिस के लक्षण

बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
आसानी से खून बहना या चोट लगना
भूख में कमी और जी मिचलाना
पैरों, टखनों या टांगों में सूजन आना
तेजी से वजन घटना
त्वचा पर बहुत खुजली होना
त्वचा और आंखों में पीलापन दिखना
पेट में तरल पदार्थ जमा होना
हाथों की हथेलियों का लाल होना
त्वचा पर मकड़ी जैसी ब्लड वेसेल्स दिखना
नाखूनों का रंग पीला होना
अंगुलियों का क्लबिंग होना
महिलाओं में पीरियड्स नहीं आना
पुरुषों में टेस्टीकल्स का सिकुड़ना और ब्रेस्ट बढ़ना
भ्रम, ड्राउजीनेस फील होना और बोलने में परेशानी

लिवर सिरोसिस होने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ आदतें, दवाएं और बीमारी लिवर को इस स्थिति में पहुंचा सकती है। लेकिन लिवर सिरोसिस का मुख्य कारण हेपेटाइटिस या ज्यादा शराब पीने को माना जाता है। इसके अलावा ये कारण भी लिवर सिरोसिस के लिए जिम्मेदार होते हैं।

लिवर सिरोसिस के कारण
शराब- जो लोग लंबे समय तक शराब पीते हैं उन्हें लिवर से जुड़ी समस्याएं सबसे ज्यादा होती है। शराब पीने से पहले फैटी लिवर होता है जो लिवर सिरोसिस और फिर लिवर फेल की ओर बढ़ जाता है।

इंफेक्शन- शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन होने पर भी लिवर प्रभावित होता है। खासतौर से वायरल हेपेटाइटिस जिसमें हेपेटाइटिस बी, सी और डी होने पर लिवर सिरोसिस हो सकता है। हेपेटाइटिस का सीधा लिवर से कनेक्शन होता है।

मोटापा- लिवर को स्वस्थ रखना है तो अपना वजन कंट्रोल रखना जरूरी है। मोटापा बढ़ने और कम फिजिकल एक्टिविटी से आपको लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। खासतौर से कमर और कूल्हे पर बढ़ रही चर्बी लिवर के लिए खतरनाक है। इन स्थितियों में मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लिवर डिजीज शामिल है, जिसे पहले नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है।

अन्य कारण- हेमोक्रोमैटोसिस, एक ऐसी स्थिति जिसमें शरीर में आयरन जमने लगता है। बाइल डक्ट का ठीक से फंक्शन नहीं करने से, पित्त नलिकाओं का सख्त होना और घाव हो जाना। विल्सन रोग होना। पित्त नलिकाओं का ठीक से नहीं बनना जिसे बिलियरी एट्रेसिया के नाम से जाना जाता है। एलागिल सिंड्रोम जो एक आनुवांशिक पाचन विकार है। ये कारण लिवर भी लिवर सिरोसिस के जिम्मेदार हो सकते हैं।

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