बाघ, शेर संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हों सामूहिक प्रयास :यादव

नई दिल्ली { गहरी खोज }:केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बाघ और शेर जैसी सात प्रमुख प्रजातियों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।
श्री यादव ने यहां इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही । ‘बिग कैट’ में बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा शामिल है। बैठक में आईबीसीए के सभी 9 सदस्य देशों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इन देशों में भूटान, कंबोडिया, इस्वातिनी, गिनी , भारत , लाइबेरिया , सूरीनाम , सोमालिया और कजाकिस्तान शामिल हैं।
श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वन्यजीव संरक्षण में विश्व में अग्रणी देश के रूप में उभरा है, जिसने पिछले दशक में उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त की हैं। उन्होंने बिग कैट रेंज देशों से आईबीसीए की पहलों और कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल होने और सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने बिग कैट की सात प्रमुख प्रजातियों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण तथा सुरक्षा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ पारिस्थितिकी भविष्य को सुरक्षित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में सहायता करने के लिए सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया।
बैठक में सर्वसम्मति से श्री यादव को आईबीसीए अध्यक्ष और श्री एस पी यादव को आईबीसीए के महानिदेशक के रूप में भी अनुमोदित किया गया। भारत सरकार द्वारा बनाया गया, इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) 95 रेंज देशों का एक गठबंधन है। इसका उद्देश्य बिग कैट का संरक्षण करना है। आईबीसीए का प्राथमिक उद्देश्य वैश्विक स्तर पर बिग कैट के संरक्षण के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सफल संरक्षण प्रणालियों और विशेषज्ञता को समेकित करते हुए रेंज देशों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग और तालमेल को सुविधाजनक बनाना है।
बैठक में भागीदार देशों ने इन शानदार प्रजातियों के संरक्षण के लिए आईबीसीए के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने और हमारे पारिस्थितिकी भविष्य को सुरक्षित करने और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए पूरे समर्पण से काम करने की प्रतिबद्वता दर्शाई।