खरगे ने एचएयू छात्रों से बात की

xr:d:DAFZa2lduN0:1007,j:4601755325,t:23051309
हिसार{ गहरी खोज }: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में छात्रवृत्ति कटौती के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर सुरक्षाकर्मियों के लाठीचार्ज के बाद से ही धरने पर बैठे छात्रों से मंगलवार को काँग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने फोन पर बात की।
उन्होंने वीडियो कॉल पर बात करते हुए छात्रों को आश्वासन दिया कि पार्टी उनके साथ है और संसद में इस मामले को उठाया जाएगा। उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि वह दिल्ली आकर छात्रवृत्ति बंद किए जाने, सीट कम करने समेत
सभी बिंदुओं से अवगत करवायें ताकि इसे संसद में उठाया जा सके।
दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से आरोप लगाया गया कि छात्रों आंदोलन पूर्ण रूप से राजनीतिक रूप ले
चुका है। विवाद सुलझाने के लिए गठित समिति के डॉ. राजबीर गर्ग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुद्दों पर विद्यार्थियों की तरफ से मांगपत्र आया था, उसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक समिति गठित की गयी। समिति ने छात्रों के साथ बैठक की और छात्र मान कर चले गए, फिर दूसरे छात्रों का ग्रुप आया और वह भी सहमत नजर आया।
उन्होंने कहा कि 10 जून को दो अप्रिय घटनायें हुईं। पहली घटना प्रशासनिक भवन में हुई, जिसमें कुछ छात्रों ने जबरदस्ती कुलपति कार्यालय में घुसने की कोशिश की। उनकी मंशा ठीक नहीं थी, उनको रोकने और समझाने की कोशिश की गयी। दूसरी घटना उसी दिन रात को करीब 10 बजे हुई, छात्र कुलपति निवास जाने वाली सड़क पर धरना देकर बैठ गये, वहां कुलपति और अन्य अधिकारियों के निवास हैं तथा सड़क आगे बंद है। इस प्रकार रास्ता पूर्ण रूप से अवरूद्ध कर दिया गया। वहां पर रह रहे अधिकारियों और उनके परिवार के आने जाने का रास्ता बंद हो गया।
श्री गर्ग ने कहा कि कुलसचिव और अन्य अधिकारियों ने विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश की लेकिन छात्रों ने ‘दुर्व्यवहार’और ‘गालीगलौज’ भी की। इसके कुछ समय बाद कुलपति की गाड़ी आई, छात्रों द्वारा गाड़ी को अवरुद्ध किया गया तथा तोड़फोड़ करने की कोशिश की गयी। कुलपति की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया। मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मचारियों-अधिकारियों ने कठिन प्रयास के पश्चात कुलपति की गाड़ी को बाहर निकाला, लेकिन उस वक्त विद्यार्थी उग्र रूप धारण कर चुके थे। कुलपति आवास में घुसने की कोशिश कर रहे थे। स्वयं कुलपति और उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में थी, इस कारण से सुरक्षा कर्मियों और छात्रों में हाथापाई हो गयी। दोनों तरफ के लोगों को चोटें लगी। इस घटना के बाद छात्रों ने पथराव शुरू कर दिया जिससे स्थिति काफी विकराल हो गई। वहां लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया गया तथा वहां पर खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद छात्र रातभर वहीं धरने पर बैठे रहे तथा सुबह उठकर विश्वविद्यालय के गेट नं 4 पर चले गये।
उन्होंने कहा कि इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन ने मिलकर समाधान ढुंढने का प्रयास किया। विद्यार्थियों की ओर से जो मांगपत्र मिला उसकी सभी मांगे पूरी कर दी गयीं। कोई विषय बचा नहीं लेकिन छात्र अब भी आंदोलन कर रहे हैं।
डॉ. गर्ग ने एक बार पुन: छात्रों से अपील करते हुए कहा है कि वे बातचीत के लिए आगे आयें ताकि समस्या का समाधान किया जा सके।