नीतीश कटारा हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाई

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव को राहत दी है। मंगलवार को हत्याकांड के दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ा दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने विकास की अंतरिम जमानत को दो हफ्ते के लिए बढ़ाया है। नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव को 25 साल की सजा हुई थी।
विकास यादव की मां बीमार है। उसने मां के इलाज के लिए अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया था। 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उसे अंतरिम जमानत दी थी। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव की अंतरिम जमानत को चार हफ्ते के लिए बढ़ाया। इसके बाद फिलहाल और दो हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत बढ़ाई गई है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट में इस दौरान पीड़ित नीलम कटारा के वकील ने विकास की अंतरिम जमानत का विरोध किया था। वकील ने कहा कि दोषी विकास यादव की मां की सर्जरी हो चुकी हो और अब वो हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुकी हैं। ऐसे में अंतरिम जमानत बढ़ाने का कोई आधार नहीं बनता।
फरवरी 2002 में नीतीश कटारा की हत्या हुई थी। असल में मामला ऑनर किलिंग से जुड़ा था। नीतीश कटारा की एक नेता डीपी यादव की बेटी के साथ दोस्ती थी और इसी को लेकर उसका अपहरण कर लिया गया और बाद में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप नीतीश की दोस्त भारती के भाई विकास और विशाल पर लगे। विकास डीपी यादव का बेटा है। निचली कोर्ट ने इस हत्याकांड को ऑनर किलिंग माना था। 30 मई 2008 को निचली अदालत ने विकास और विशाल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के समय विकास यादव की उम्रकैद की सजा को 25 साल की सजा के रूप में बदला था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2016 में विकास यादव और विशाल यादव को 25-25 साल की कैद की सजा को बरकरार रखा। फिलहाल विकास 25 साल की सजा में से 23 साल जेल में बिता चुका है।

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