भारत में सिर्फ 11% आबादी करती है योग, बाबा रामदेव से जानें बेहतर स्वास्थ्य के लिए Yoga क्यों है जीवन का आधार

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: देश में 3 दिन बाद, तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर योग पोज वाली तस्वीरों की बाढ़ आने वाली है। हैश टैग योग दिवस ट्रेंड करने वाला है। भले, बहुत से लोगों के लिए अब भी, योग जीवनशैली का हिस्सा ना हो। लेकिन ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ पर एकबार फिर योग को शोकेस करने की रेस होगी। जबकि असली फायदा दिखावे से नहीं, करने से होगा, योग को लाइफ स्टाइल का हिस्सा बनाने से होगा। आयुष मंत्रालय की स्टडी के मुताबिक, पिछले 10 साल में योग से 38% लोग तनाव-मोटापा भगाने में कामयाब रहे। करीब 15% लोगों को पेट की गंभीर समस्याओं से छुटकारा मिला। स्टडी में 25% लोगों ने ये कहा कि योग से उनकी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ी है और ये हाल तब है, जब देश के 60% लोग प्रॉपर योगाभ्यास करना जानते ही नहीं।
बात जब रोजाना अभ्यास की आती है तो ये आंकड़ा निराश करने वाला है। देश में सिर्फ 11 फीसदी लोग ही रोज योग करते हैं जबकि 14 फीसद लोग कभी-कभी योग कर लेते हैं। सीधे-सीधे कहें तो ये कि देश में 75% से ज्यादा लोगों ने कभी योग किया ही नहीं जो दिखाता है कि सिर्फ एक चौथाई आबादी तक ही योग की पहुंच है। इसके बाद भी सेहत को लेकर कॉन्ट्रिब्यूशन 38% है। अब आप समझ जाइए कि खास मौके पर योगिक सेल्फी की जगह, योग को सेल्फ लाइफ का हिस्सा बनाते हैं तो कितना फायदा होगा। बीमारियां दूर होगी, तो देश कितनी तरक्की करेगा। तो इस बार सिर्फ सेल्फी नहीं सेहत के लिहाज से भी सोचिए। अगर आप ये सोच रहे हैं कि योग कैसे करें, योगाभ्यास तो हमें आता ही नहीं तो उसके लिए विश्व प्रसिद्ध योगगुरु स्वामी रामदेव हैं ना जो आपको आज अगले 40 मिनट योग का प्रोटोकॉल स्टेप बाई स्टेप बताने वाले हैं।