बुढ़ापे में भी चाहिए जवानी सी स्फूर्ति तो बाबा रामदेव से जानें अभी से करने होंगे कौन से काम?

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: उम्रदराज़ सबको होना है लेकिन बालों की चांदी और चेहरे पर तजुर्बे की लकीरें होने के बावजूद भी आप बूढ़े है या 60 साल के जवान ये आपका एटीट्यूड तय करेगा। वो कहते तो हैं Age is just a number इसलिए ये एटीट्यूड 60 साल के जवान वाला ही होना चाहिए। इसी में लोगों का और देश का भला है क्योंकि भारत युवाओं का देश कहा जाता है। वहीं अगले कुछ साल में बुजुर्गों की तादाद दोगुनी से भी ज़्यादा हो जाएगी। ये रिपोर्ट भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की है। नीति आयोग की माने तो देश में इस वक्त साढ़े 10 करोड़ से ज़्यादा बुजुर्ग है जो अगले कुछ साल में 20 करोड़ से ज़्यादा हो जाएंगे। यानी युवाओं के इस देश में आने वाले वक्त में हर चौथा भारतीय बुज़ुर्ग होगा। ऐसे में एक बात का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है कि लंबी उम्र के साथ बीमारी की लिस्ट ना बढ़े। यानी उम्र के आखिरी पड़ाव तक सेहतमंद रहें।

लेकिन आजकल जिस स्पीड से यंगस्टर्स और टीनएजर्स को बीमारियां घेर रही हैं उसे देखते हुए तो ऐसा मुश्किल लगता है, लोग खाने में तो कोई कमी नहीं करते। उल्टा ज़रूरत से ज़्यादा खाते हैं, ये भी managable हो लेकिन उसके लिए एक्सरसाइज़ तो करो। बस इसी काम के लिए तो लोगों के पास वक्त नहीं है। बिज़ी शेड्यूल का बहाना देकर जो सबसे पहला काम लोग करते हैं वो ये कि वर्कआउट से दूर हो जाते हैं। और फिर उनकी इस गलती का खामियाज़ा शरीर को भुगतना पड़ता है। क्योंकि कम उम्र में ही शुगर, बीपी, थायराइड, फैटी लिवर। ओबेसिटी का अटैक होने लगता है। मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत भी घटने लगती है जिससे पूरे शरीर का ढांचा ही कमज़ोर हो जाता है। हम आज हम बात कर रहे हैं कि 60 साल से उपर के लोग सेहतमंद कैसे रहें औऱ यहां तो 40 साल से नीचे के युवा बीमारियों के चक्रव्यूह में फंसे हैं। फिक्र ना कीजिए, स्वामी रामदेव है ना वो बुज़ुर्गों को निरोगी जीवन जीने के रामबाण उपाय भी बताएंगे औऱ युवाओं को बीमारियों के चक्रव्यूह से आज़ाद भी करवाएंगे

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