बगैर पैसे के पहलगाम हमला संभव नहीं था: एफएटीएफ

नयी दिल्ली { गहरी खोज }: : आतंकवादी वित्तपोषण नेटवर्क को खत्म करने के उद्देश्य कार्यरत वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले पर सोमवार को गंभीर चिंता जतायी और हमले की निंदा करते हुये कहा है कि पहलगाम और अन्य हालिया हमले पैसे और आतंकवादी समर्थकों के बीच धन स्थानांतरित करने के साधनों के बिना नहीं हो सकते थे।
एफएटीएफ ने एक बयान में कहा कि आतंकवादी हमले दुनिया भर में लोगों की जान लेते हैं, उन्हें अपंग बनाते हैं और भय पैदा करते हैं।
एफएटीएफ का यह बयान ऐसे समय में आया जब भारत सीमा पार आंतकी गतिविधियों में पाकिस्तान की भूमिका को वैश्विक स्तर पर उठा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि एफएटीएफ का यह बयान पाकिस्तान को फिर से ग्रेड सूची में डालने का जोखित पैदा कर सकता है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम में हमला कर 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी।
एफएटीएफ की 25 अगस्त 2025 को एशिया प्रशांत ग्रुप की बैठक और 20 अक्टूबर 2025 काे एफटीएफ वर्किंग समूह की प्रस्तावित बैठक के मद्देनजर भारत पाकिस्तान के आतंक वित्त पोषण को लेकर विस्तृत डॉजियर सौंपने वाला है ताकि पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डाला जा सके। अभी 24 देश ग्रे लिस्ट में है। इस सूची में शामिल देशों को एफएटीएफ की निगरानी में उपाय करने होते हैं।
पाकिस्तान को सबसे पहले फरवरी 2008 में इस सूची में शामिल किया गया था और फिर जून 2010 में उससे बाहर हो गया था लेकिन फरवरी 2012 में यह फिर से इस सूची में आ गया और फरवरी 2015 में सूची से बाहर होने में सफल रहा। इसके बाद जून 2018 में यह फिर से ग्रे लिस्ट में आ गया और अक्टूबर 2022 तक इसमें रहा। उस समय पाकिस्तान को धन शोधन विरोधी और आतंक वित्त पोषण के विरूद्ध काम करने के लिए कहा गया था।
आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए रूपरेखा निर्धारित करने के अलावा, एफएटीएफ ने देशों द्वारा लागू किए गए उपायों की प्रभावशीलता पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इस तरह आपसी मूल्यांकन के माध्यम से उसने उन कमियों की पहचान की है जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है। एफएटीएफ ने वैश्विक नेटवर्क में 200 से अधिक अधिकार क्षेत्रों के मूल्यांकन में योगदान देने वाले विशेषज्ञों का समर्थन करने के लिए आतंकवादी वित्तपोषण जोखिम पर मार्गदर्शन विकसित किया है। एफएटीएफ पिछले 10 वर्षों से देशों को आतंकवादी वित्तपोषण जोखिम से दूर रहने में मदद करने के लिए काम कर रहा है।