निर्यातकों ने मई में भारत के निर्यात कारोबार को मजबूत बताया, आगे सुधार की उम्मीद जताई

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: : घरेलू निर्यातक संगठनों के शीर्ष मंच -फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ( फियो) के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने मई, 2025 के भारत के निर्यात आंकड़ों को “ वैश्विक आर्थिक प्रतिकूलताओं के बावजूद” मजबूत बताया है और उम्मीद जतायी है कि परिस्थितियों में सुधार के साथ दूसरी छमाही में निर्यात गति पकड़ेगा। फियो अध्यक्ष ने निर्यात वृद्धि को बनाए रखने और उसमें तेजी लाने की ब्याज समानीकरण योजना के माध्यम से सूक्ष्म लघु एवं मझोली इकाइयों की मदद जारी रखने , अमेरिका सहित विभिन्न देशों और बाजारों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए ) वार्ता में तेजी लाने, कारोबार लागत को कम करने के लिए व्यापार प्रक्रियाओं के सरलीकरण और डिजिटलीकरण तथा ई-कॉमर्स निर्यात को निर्बाध बनाने की जरूरत पर बल दया है।
श्री रल्हन ने कहा “उचित नीतिगत उपायों और 2025 की दूसरी छमाही में वैश्विक स्थितियों के स्थिर होने की उम्मीद के साथ, भारत का निर्यात फिर वृद्धि के रास्ते पर लौटने की अच्छी स्थिति में है।”
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार मई में देश का समग्र निर्यात (वस्तु और सेवाओं को मिलाकर) सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 71.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से सेवा निर्यात, विशेष रूप से सॉफ्टवेयर, परामर्श और वित्तीय सेवाओं में निरंतर की बदौलत है।
फियो अध्यक्ष ने इन आकंड़ों पर कहा “व्यापार के ये ताजा आंकड़े भारत में सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाते हैं, जो वैश्विक मांग में कमी, भू-राजनीतिक तनाव और उच्च ब्याज दरों की चुनौतियों के खिलाफ एक बफर की भूमिका में बना हुआ है ।”
मई में वाणिज्यिक वस्तुओं का प्रदर्शन पिछले साल मई के 39.59 अरब डॉलर से थोड़ा कम होकर 38.73 अरब डॉलर रहा लेकिन सेवा क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन से कुल निर्यात में वृद्धि बनी रही। उन्होंने कहा कि यह भारत के निर्यात की बुनियाद की मजबूती और विविधीकरण को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा “निर्यातक कठिन वैश्विक माहौल के साथ अच्छी तरह से तालमेल बिठा रहे हैं। पश्चिम एशिया में रास्ते के व्यवधानों के बावजूद निर्यात वृद्धि को बनाए रखने की क्षमता,हमारे निर्यात क्षेत्र की मजबूती और नीतिगत समर्थन का प्रमाण है।”
आयात के पिछले साल मई के 61.68 अरब डॉलर की तुलना में घट कर 60.61 अरब डॉलर रहने के बारे में श्री रल्हन की राय है कि वस्तु के आयात में गिरावट आयात प्रतिस्थापन और सरकार के समर्थन से घरेलू क्षमता निर्माण में सफलता को दर्शाता है।
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी-इंडिया) के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने भी कहा कि
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद इंजीनियरिंग निर्यात क्षेत्र ने मजबूत प्रदर्शन किया है यद्यपि मई के दौरान निर्यात में हल्की गिरावट रही।
मई में इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात साल-दर-साल 0.8 प्रतिश घटकर 9.89 अरब डॉलर रहा । चालू वित्त वर्ष के हपले दो महीनों अप्रैल-मई अवधि के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात 19.40 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल इसी अवधि के 18.52 अरब डॉलर से 4.7 प्रतिशत अधिक है ।
उन्होंने कहा “ स्टील, स्टील उत्पादों और एल्युमीनियम पर अमेरिका द्वारा टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने से चालू वित्त वर्ष के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात पर असर पड़ने का खतरा पहले से ही है। उम्मीद है कि एक बार भारत और अमेरिका के बीच समझौता हो जाने के बाद आयात शुल्क कम हो जाएंगे।”

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