आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनने की दिशा में बढ रहा है भारत: शाह

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत आपदाओं के प्रबंधन में क्षमता, दक्षता, गति और सटीकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कर विश्व में अग्रणी देश बनने की दिशा में बढ रहा है।
श्री शाह ने सोमवार को यहां राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों तथा आपदा मोचन बलों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने पिछले दो वर्षों में राहत तथा आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी एजेंसियों की विभिन्न कार्यशालाओं को एक ही बैठक के तहत लाकर संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ एक वैचारिक मंच बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इससे कमियों को दूर करने औऱ पूरे देश को आपदा से लड़ाई के लिए तैयार करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि इससे सभी हितधारक और एजेन्सियां मिलकर अच्छे तालमेल से काम कर पाती हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण पूरा विश्व आपदाओं से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए राष्ट्रीय गठबंधन (सीडीआरआई) के योगदान के कारण भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अग्रसर है।
श्री शाह ने कहा कि जब भी भारत के आपदा प्रबंधन का इतिहास लिखा जाएगा तो मोदी सरकार के ये दस वर्ष परिवर्तनकारी दशक के रूप में दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने क्षमता, गति, दक्षता और सटीकता के चारों क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि न सिर्फ क्षमता को बढ़ाया गया बल्कि उसे संवर्धित कर तहसील तक पहुंचाने का काम किया गया है। गति का भी ध्यान रखा गया है क्योंकि समय पर आपदा से लोगों को बचाना सबसे महत्वपूर्ण होता है। आधुनिक तकनीक और समर्पित स्वभाव वाले आपदा मोचन बल के कारण दक्षता में भी वृद्धि हुई है और सटीकता के साथ पूर्वानुमान तथा अग्रिम सूचना पहुंचाकर समाज को जागृत कर उसे आपदा प्रबंधन में राहत और बचाव के काम में जोड़ने में सफलता प्राप्त की गयी है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर दृष्टिकोण में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। इससे ‘ज़ीरो कैज़ुअल्टी’ के लक्ष्य को सफलता के साथ हासिल किया गया है। इसके साथ ही अब दृष्टिकोण राहत केन्द्रित से बदलकर समग्र और एकीकृत बना है। उन्होंने कहा कि अब केन्द्र सरकार, राज्य सरकारें और स्थानीय इकाइयां एक इकाई के रूप में आपदाओं का सामना करने के लिए आगे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दस वर्ष में देश का हर युवा इस मदद की भावना के साथ आपदाओं से लड़ने के लिए तैयार होगा।
श्री शाह ने कहा कि भारत ने पूर्व चेतावनी प्रणाली के विकास में बहुत कुछ हासिल किया है, यथासमय पूर्व तैयारी को कैलेंडर के साथ जोड़ा गया है। सक्रिय निवारण और शमन में वैज्ञानिक तरीके से पद्धति को तैयार किया गया है औऱ आपदा जोखिम के न्यूनीकरण में भी बड़ी सफलता प्राप्त की गयी है। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘न्यूनतम कैजुअल्टी’ के लक्ष्य पर चलते हुए 10 वर्षों में ‘जीरो कैजुलल्टी’ के लक्ष्य को हासिल कर पूरे विश्व को अचंभित किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए हर क्षेत्र में बजट को बढाया गया है। पन्द्रहवें वित्त आयोग में 14वें आयोग के अनुपात में बजट में 4 गुना वृद्धि की गयी है। राष्ट्रीय स्तर पर भी 68 हज़ार करोड़ रूपए से पहली बार राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन कोष की रचना की गयी है।
उन्होंने कहा कि अंतराज्यीय मॉक ड्रिल को वार्षिक कार्यक्रम बनाया जायेगा। उन्होंने कहा , “ स्टार्ट-अप इंडिया को भी हम आपदा राहत तकनीक के विकास के साथ जोड़ना चाहते हैं। एक लाख कम्युनिटी वॉलंटियर्स को तैयार करने का काम भी हमने किया है औऱ इसमें 20 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसके साथ ही, 470 करोड़ की लागत से हमने युवा आपदा मित्र योजना भी बनाई है।”
गृह मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वॉर्मिंग ही आपदाओं का मूल कारण हैं औऱ इसे ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण पर अधिक जोर दिये जाने की जरूरत है। भारत ने पिछले 11 साल में पर्यावरण संरक्षण के लिए अतुलनीय काम किया है।
इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और केन्द्रीय गृह सचिव गोविन्द मोहन सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।