वन विभाग की एनओसी न मिलने से स्टेट हाईवे का चौड़ीकरण फंसा

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स्टेट-हाइवे

बरेली { गहरी खोज }: भमोरा-आंवला-शाहबाद स्टेट हाईवे के तीन किमी हिस्से का चौड़ीकरण वन विभाग की एनओसी के फेर में फंसा हुआ है। इफ्को फैक्ट्री के आसपास चौड़ीकरण में बाधा बने पड़ों के लिए पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन वन विभाग को एनओसी के लिए दो बार पत्र लिखे चुके हैं लेकिन अब तक एनओसी नहीं मिली है।
वन विभाग की टीम सड़क किनारे लगे पेड़ों की नाप और गणना पहले ही कर चुकी है।अनुमान है कि सड़क चौड़ीकरण की जद में आठ हजार से अधिक पेड़ आ रहे हैं। अधिकारी एनओसी इसी महीने मिलने की बात कह रहे हैं। भमोरा से आंवला रामनगर होते हुए शाहबाद तक 46 किलोमीटर मार्ग का चौड़ीकरण का काम पिछले साल शुरू हुआ था। वर्तमान में यह सड़क सात मीटर चौड़ी है। जिसे दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर बढ़ाकर 10 मीटर किया जा रहा है। इस मार्ग के बनने से जहां बरेली के लोगों को शाहाबाद, बिलारी और संभल के लिए एक नया रास्ता मिलेगा। वहीं संभल से मुरादाबाद, बबराला और अलीगढ़ के लिए भी कनेक्टिविटी मिलेगी।
पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के एक्सईएन राजीव अग्रवाल ने बताया कि यह स्टेट हाइवे भमोरा-आंवला-शाहबाद-बिलारी तक 88 किमी लंबा बनना प्रस्तावित है। यह हाईवे तीन जिलों को जोड़ेगा। इसमें बरेली के हिस्से में 46 किमी का हिस्सा है। भमोरा से शाहबाद के टांडा तक का सड़क चौड़ीकरण का काम काफी हद तक हो चुका है। आंवला में इफ्को के पास तीन किलोमीटर का हिस्सा पेड़ों के कटान की एनओसी के फेर में फंसा है। एक्सईएन के मुताबिक हाईवे किनारे खड़े पेड़ों की गणना हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग काटे जाने वाले पेड़ों के बदले में वन विभाग को क्षतिपूर्ति देगा। वन विभाग से लगातार पत्राचार चल रहा है। जून के आखिरी सप्ताह तक एनओसी मिलने की उम्मीद है।

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