आखिरी सांस तक सलाखों की कैद में रहेगा चार साल की मासूम से रेप का दोषी

बरेली{ गहरी खोज }: चार साल की बच्ची को पचमोला की गोली दिलाने के बहाने बाग में ले जाकर दुष्कर्म और कुकर्म करने के आरोपी आंवला थाना क्षेत्र निवासी ऋषिपाल (20) को कोर्ट ने परीक्षण में दोषी पाया। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट कोर्ट देवाशीष ने दोषी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए) और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की पूरी रकम पीड़िता को मिलेगी। साथ ही अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत सरकार की योजना के तहत 25 हजार रुपये अतिरिक्त शारीरिक मानसिक आघात के प्रतिकर के रूप में दिये जाने का भी आदेश दिया है।
सरकारी वकील राजीव तिवारी और आलोक प्रधान ने बताया कि पीड़िता के पिता ने थाना आंवला में तहरीर देकर बताया था कि 11 नवंबर 2023 को तालाब के किनारे बच्चों के साथ उनकी चार साल की पुत्री खेल रही थी। जब वह तालाब की तरफ गया तो बेटी वहां नहीं थी। बच्चों से पूछा तो बताया कि बेटी को ऋषिपाल जंगल की तरफ बहला फुसलाकर ले गया। परिवार वालों के साथ ढूंढते-ढूंढते जंगल में पहुंचे तो वहां बाग में बेटी रो रही थी। ऋषिपाल उन्हें देखकर भागने लगा, जिसको पकड़कर थाने लेकर आया। घटना शाम करीब 3-4 बजे की है। पुलिस ने शुरू में छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना में साक्ष्य के आधार पर दुष्कर्म, कुकर्म, पाॅक्सो एक्ट की धाराओं की बढ़ोत्तरी कर आरोप पत्र कोर्ट भेजा था। शासकीय अधिवक्ता ने नौ गवाह और 11 सबूत पेश किये। वहीं बचाव पक्ष ने आरोपी के मंदबुद्वि होने की दलील दी।
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट कोर्ट राजीव तिवारी ने बताया कि मासूम बच्ची के साथ आरोपी ने मात्र अपनी कामेच्छा की पूर्ति के लिए जघन्य अपराध किया, वह पूर्ण रूप से परिपक्व था और अच्छा बुरा जानता था। अदालत ने आरोपी को उसके कृत्य की सजा भुगतने के लिए आखिरी सांस तक कारावास का दंड देकर पीड़िता के साथ न्याय किया है। दंडादेश के जरिए समाज को संदेश दिया है कि बेटियों के साथ अपराध पर दोषियों को कठोर दंड मिलना तय है।