प्रतिरक्षण केंद्र में बच्चों को लगने वाले डीपीटी के टीके का स्टॉक खत्म

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हल्द्वानी{ गहरी खोज }: मिनी स्टेडियम के पास स्थित प्रतिरक्षण केंद्र में डीपीटी टीके का स्टॉक खत्म हो गया है। अभी केवल छह से सात दिनों तक बच्चों को टीका लगने लायक स्टॉक ही बचा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस संबंध में मुख्यालय में पत्र भेज दिया गया है, शीघ्र ही टीके की आपूर्ति हो जाएगी।
डीपीटी टीका, जिसे डीटीपी टीका भी कहा जाता है, एक संयुक्त टीका है जो कि डिप्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी) और टेटनस से बचाता है। यह तीन संक्रामक रोगों से बचाव के लिए एक संयोजन टीका है, जो शिशुओं और बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं। डीपीटी का टीकाकरण शेड्यूल आमतौर पर 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह की उम्र में तीन खुराक के साथ शुरू होता है। इसके बाद 16-18 महीने की उम्र में पहला बूस्टर शॉट दिया जाता है, और फिर 5 साल की उम्र में दूसरा बूस्टर शॉट दिया जाता है। इस टीके की उपलब्धता को लेकर संकट हो रहा है। मिनी स्टेडियम के पास प्रतिरक्षण केंद्र में टीका समाप्त हो गया है। राहत की बात है कि आंगनबाड़ी केंद्रों और अस्पतालों के टीकाकरण केंद्रों में अभी इतना टीका मौजूद है कि अगले छह से सात दिनों तक बच्चों को टीका लग जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने देहरादून में स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में टीके की आपूर्ति किए जाने को लेकर पत्र लिख दिया है। जानकारी मिली कि यह टीका केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग से उपलब्ध होता है। पहले देहरादून भेजा जाता है उसके बाद जिलों में आपूर्ति कर दी जाती है। उम्मीद है कि एक सप्ताह बाद टीके की खेप भेज दी जाएगी। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि घबराने की बात बिल्कुल नहीं है। शीघ्र ही टीके की खेप आ जाएगी। फिलहाल काम चल जाए अभी इतने टीके उपलब्ध हैं।

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