डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक है हीट स्ट्रोक, बाबा रामदेव से जानें हो सकती हैं कौन सी परेशानियां और इंसुलिन बैलेंस करने के उपाय

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: गर्मी कहर बरपा रही हैआसमान से आग बरस रही है। कहीं तापमान 45 तो कहीं 48 डिग्री को छू रहा है। हीट वेव की वजह से राजधानी दिल्ली में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम इस कदर झुलसा रहा है कि लोगों को ना दिन में चैन मिल रहा है ना रात में सुकून। घरों में AC-कूलर तक फेल हो रहे हैं। गर्मी के रौद्र रूप का असर अस्पतालों में दिखाई दे रहा है। दिनभर बाहर रहने वाले लोगों में हीट एक्ज़र्शन और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। हीट एक्ज़र्शन का मतलब है गर्मी में थकावट यानि लो एनर्जी। इसमें पसीना बहुत निकलता है, चक्कर आता है और मांसपेशियों में जकड़न-ऐंठन रहती है। जबकि, हीट स्ट्रोक में शरीर का तापमान हाई हो जाता है। सांस और हार्टबीट तेज़ रहती है। लोग बेहोश तक हो जाते है।
मौसम के हालात देखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज़ के मरीज़ों को खासतौर पर धूप से बचने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि शुगर पेशेंट पर हीट स्ट्रोक दूसरों के मुकाबले ज़्यादा होता है। धूप से बचना तो ठीक है लेकिन उन्हें ग्लूकोज़ कंट्रोल भी करना चाहिए। डायबिटीज़ की बीमारी लोगों की याद्दाश्त तक चुरा रही है। एक लेटेस्ट स्टडी में दिमाग और पैंक्रियाज़ के बीच का ये कनेक्शन पता चला है। इंसुलिन हार्मोन सिर्फ शुगर कंट्रोल करने के लिए ही नहीं बल्कि ब्रेन के लिए भी बहुत ज़रूरी है। ऐसे में जब शुगर पेशेंट का ब्रेन इंसुलिन रेज़िस्टेंट हो जाता है तो याद्दाश्त घटने लगती है।अल्ज़ाइमर की बीमारी हो जाती हैऔर ये टाइप 2 और टाइप 3 पेशेंट को लेकर ज़्यादा होता है।
यानि किडनी-हार्ट,आंख के साथ शुगर पेशेंट की मेमॉरी पर भी खतरा मंडराता रहता हैऔर उन्हें इस बात की खबर तक नहीं होती। ऐसी ही खबरें देने के लिए और उन बीमारियों का उपचार बताने के लिए ही तो हमने इंडिया टीवी पर इस शो के ज़रिए हेल्थ मुहिम शुरू की थी जो 5 साल से लगातार चल रही है। तो, चलिए अपने इस हेल्थ मिशन को आगे बढ़ाते हैं और स्वामी रामदेव से शुगर पेशेंट का इंसुलिन बैलेंस कराते हैं