भगवान जगन्नाथ के स्नान अनुष्ठान को देखने के लिए पुरी में लाखों लोग एकत्रित

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पुरी{ गहरी खोज }: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित लाखों श्रद्धालु बुधवार को 12वीं सदी के प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर में एक खुले पंडाल में आयोजित भगवान जगन्नाथ के पारंपरिक स्नान अनुष्ठान को देखने के लिए यहां एकत्र हुए।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को पारंपरिक ‘पहंडी’ (शोभायात्रा) के साथ ‘स्नान मंडप’ (स्नान वेदी) में लाया गया। उन्होंने बताया कि तीनों को (भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को) स्नान मंडप पर स्नान कराया जाता है, जो ग्रांड रोड के सामने स्थित एक ऊंचा स्थान है, जहां भक्तों को स्नान अनुष्ठान देखने का अवसर मिलता है।
एक अधिकारी ने बताया, “सबसे पहले श्री सुदर्शन को मंदिर से बाहर लाया गया और सुबह पौने छह बजे स्नान मंडप पर ले जाया गया। इसके बाद भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को स्नान मंडप पर ले जाया गया।” उन्होंने बताया कि ‘पहंडी’ अनुष्ठान’ सुबह आठ बजकर 55 मिनट पर संपन्न हो गया। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुरी के सांसद संबित पात्रा के साथ मुख्यमंत्री ने उत्तर द्वार से मंदिर में प्रवेश किया और सुबह की प्रार्थना तथा पारंपरिक शोभायात्रा देखी। इस पर्व को देव स्नान पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, जो ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह साल में पहली बार होता है जब मंदिर के गर्भगृह से लकड़ी की मूर्तियों को बाहर लाया जाता है और स्नान अनुष्ठान के लिए ‘स्नान मंडप’ में रखा जाता है। इसे भगवान जगन्नाथ का जन्मदिन भी माना जाता है।
पुरी के पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए 70 प्लाटून (करीब 2100 जवान) और 450 पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और समुद्र किनारे भी सुरक्षा बल तैनात हैं। पहली बार कृत्रिम मेधा-आधारित निगरानी कैमरों का प्रयोग कर एकीकृत नियंत्रण कक्ष के माध्यम से वास्तविक समय में यात्रा की निगरानी की जा रही है।

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