सरकार ने 11 साल में संवैधानिक संस्थाओं का किया दुरुपयोग : कांग्रेस

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार अपने 11 साल की उपलब्धियों का जबरदस्त ढोल पीट रही है लेकिन सच यह है कि इन वर्षों में कोई ठोस कार्य होने की बजाय सिर्फ संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हुआ है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को यहां पार्टी के नये मुख्यालय इंदिराभवन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाएं प्रजातंत्र को मजबूत करने का काम करती थीं, लेकिन आज सभी संस्थाएं मोदी सरकार के दबाव में हैं। स्थिति ये है कि पहली बार देश में प्रधानमंत्री के बारे में चर्चा हो रही है कि वो अनपढ़ हैं या साक्षर हैं।
श्री मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा “श्री मोदी कुपढ़ हैं, तभी तो विज्ञान के युग में ‘नाली की गैस से खाना पकाने और बादलों में रडार काम नहीं करता’ ये ज्ञान बांटते हुए हमने देखा है। पिछले 11 साल में छल, प्रपंच, झूठ की राजनीति रही, सच को जनता से छिपाया गया, अमीर और अमीर बना, गरीब और गरीब बना।”
भाजपा सरकार पर नौजवानों को छलने का आरोप लगाते हुए श्री बघेल ने कहा कि सरकार ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात की थी लेकिन हालात यह है कि रेलवे में भर्ती बंद है, आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और जो सरकार में जो रिक्त पद हैं, उनको भरा नहीं जा रहा है। देश में अर्थनीति को छिन-भिन्न बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कैमराजीवी हैं और उन्होंने जितने दावे किए वो सब झूठे निकले। सरकार ने इस तरह से योजना बनाई है, जिसका लाभ आम जनता नहीं ले पा रही है। सरकार ‘आयुष्मान भारत योजना’ ले कर लाई लेकिन लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं, उज्ज्वला योजना के तहत लाखों लोग सिलेंडर रिफिल नहीं करा पाए, सरकार महिला आरक्षण की बात करती है, लेकिन इसे लागू कब किया जाएगा, इसका कोई जवाब नहीं है और यही हाल जातिगत जनगणना के विषय में भी है।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की बात कही थी, लेकिन आज किसान अपनी फसल को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं। श्री बघेल ने कहा कि आज हालात ये हैं कि पूरे देश में डीएपी खाद नहीं मिल रहा, कई राज्यों में बीज उपलब्ध नहीं हैं। श्री मोदी सरकार की फसल बीमा योजना से अपने मित्रों को लाभ पहुंचा रहे हैं, कृषि का 30 प्रतिशत ही इसमें कवर हो रहा है और बीमा की राशि मिलने में छह महीने से एक साल तक लग रहा है। अभी कई राज्यों में बेमौसम बारिश हुई, ओले गिरे, फसल बर्बाद हुई, लेकिन बीमा का पैसा नहीं मिला।