महिला ‘केयरटेकर’ ने सेवानिवृत्त प्रोफेसर को वृद्धाश्रम भेजा, फ्लैट सहित छह करोड़ की संपत्ति हड़पी

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धोखाधड़ी

मुंबई{ गहरी खोज }: पुलिस ने 82 वर्षीय सेवानिवृत्त आईआईटी प्रोफेसर की संपत्ति को अपने नाम करवाकर उन्हें वृद्धाश्रम भेजने के आरोप में एक महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि महिला ने प्रोफेसर की देखभाल करने की आड़ में उनके तीन फ्लैट समेत पूरी संपत्ति अपने नाम कर ली। उन्होंने बताया कि इन फ्लैटों सहित अन्य संपत्तियों की कुल कीमत करीब छह करोड़ रुपये है।
पवई थाने के एक अधिकारी ने बताया, “घटना उस समय सामने आई जब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के सेवानिवृत्त प्रोफेसर का बेटा पिछले महीने अपने पिता से मिलने मुंबई आया लेकिन उसने पाया कि उसके पिता घर पर नहीं हैं।” उन्होंने बताया, “जब बेटे को पता चला कि उसके पिता को फरवरी 2025 में देखभाल करने वाली महिला ने विक्रोली के वृद्धाश्रम में भेज दिया है, तो वह वहां गया और उनसे मिला।
घटनाक्रम जानने के बाद वह अपने पिता को वापस पवई स्थित फ्लैट पर ले गया और पुलिस से संपर्क किया।” उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर की शिकायत के आधार पर आठ जून को देखभाल करने वाली महिला निकिता नाइक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया। अधिकारी ने बताया कि छह करोड़ रुपये से अधिक की यह धोखाधड़ी जनवरी 2017 से इस वर्ष सात मई के बीच हुई।
उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर पवई के हीरानंदानी गार्डन में ‘ग्लेन हाइट्स अपार्टमेंट’ के एक फ्लैट में अकेले रहते थे। पुलिस ने बताया कि 2017 में जब सेवानिवृत्त प्रोफेसर योगाभ्यास करने के लिए गार्डन आते थे तभी महिला से उनकी मुलाकात हुई थी, जिसके बाद वह अक्सर उनके फ्लैट पर आने लगी और उन्हें विश्वास में लेकर उनके दैनिक कार्यों में मदद करने के लिए ‘केयरटेकर’ के तौर पर रहने लगी। पुलिस के मुताबिक, कुछ वर्षों बाद जब सेवानिवृत्त प्रोफेसर की आंखों की रोशनी कम हो गई तो उन्हें अपना मोबाइल फोन चलाने और बैंकिंग लेन-देन करने में दिक्कत होने लगी, जिसके बाद महिला ने उनके बैंकिंग विवरण और उनके सभी एटीएम कार्ड अपने कब्जे में ले लिए और उनकी ओर से वित्तीय लेन-देन करना शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया कि महिला अप्रैल में उन्हें (सेवानिवृत्त प्रोफेसर) कानूनी सहायता प्रदान करने की आड़ में पंजीकरण कार्यालय ले गई और उन्हें उनकी जानकारी के बिना दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी महिला ने उनकी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा उपहार विलेख के रूप में अपने नाम पर स्थानांतरित करवा लिया। उन्होंने बताया कि आरोपी महिला ने संपत्ति से संबंधित दस्तावेज, सोने के गहने, हस्ताक्षरित चेक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी एकत्र कर लिये। अधिकारी ने बताया कि आरोपी महिला की करतूत तब सामने आई जब आवासीय सोसाइटी ने शेयर प्रमाणपत्र महिला के नाम पर करने के लिए आवेदन प्राप्त होने की जानकारी बुजुर्ग के बेटे को दी।

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