कश्मीर से केरल तक के छात्र करेंगे योग, संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में जुटेंगे देशभर के विद्यार्थी

लखनऊ{ गहरी खोज }: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर में देश के 18 राज्यों के छात्र-छात्राएं अपनी योग प्रतिभा का प्रदर्शन करने जा रहे हैं। आगामी 20 व 21 जून को योग कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी और परिसर निदेशक प्रो. सर्वनारायण झा के निर्देशन में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2025 ‘योग के माध्यम से महिला सशक्तिकरण’ थीम के साथ मनाया जाएगा। परिसर में 20 व 21 जून को विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
जिसमें जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, उड़ीसा, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडू राज्यों से केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के 12 परिसर, 18 आदर्श महाविद्यालय व लखनऊ के 33 सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के 300 छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिया जाएगा एवं प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को क्रमशः रुपये पांच हजार, तीन हजार एवं दो हजार की धनराशि से पुरस्कृत किया जाएगा।
कार्यक्रम में योगासन, योग सन्दर्भित पोस्टर निर्माण, योग सन्दर्भित स्लोगन लेखन, सामूहिक योगासन तथा योग सन्दर्भित परिसम्वाद प्रतियोगिताओं का आयोजन माध्यमिक एवं विश्वविद्यालय व महाविद्यालय स्तर पर किया जाएगा।
लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वाधान में केजीएमयू के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में गर्भवती महिलाओं के लिए योग शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता योगाचार्य पूजा सिंह ने बताया कि मोटापा में रोगियों को भुजंगासन धनुरासन, मरकट आसन उदराकर्षणासन, मलाशन व प्राणायाम में अनुलोम विलोम, कपालभाति, उज्जाई प्रणायाम, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास फायदेमंद है।
संकाय के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने कहा कि मोटापा में अग्निसार क्रिया और सूर्य नमस्कार लाभकारी होता है। योग प्रशिक्षिका प्रियांजली पाण्डे, मोनिका सिंह, प्रीति मनुज ने गर्भवती महिलाओं को जानु शीर्षासन, मर्जरी आसन, सेतुबंध आसन, सुप्त बंधासन, तितली आसन व प्राणायाम में नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, शीतकारी प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास कराया गया।