‘विकास के पथ पर अग्रसर लक्षद्वीप, वार्षिक मछली पकड़ने की क्षमता एक लाख मीट्रिक टन’

लक्षद्वीप/कोच्चि{ गहरी खोज }: लक्षद्वीप में काफी तीव्र गति से विकास हो रहा है और यहां की समुद्री सीमा में हर साल एक लाख मीट्रिक टन मछली पकड़ने की क्षमता है, जो दर्शाता है कि यह इस केंद्र शासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले एवं मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने मंगलवार को कहा कि
केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 14.06 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि लक्षद्वीप को समुद्री शैवाल क्लस्टर भी घोषित किया गया है।
उन्होंने लक्षद्वीप में 91.65 प्रतिशत साक्षरता और विद्यालय छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या शून्य होने की सराहना की। प्रदेश में प्रधानमंत्री-श्री योजना के तहत 11 स्कूल चुने गये हैं, जहां हाई-स्पीड इंटरनेट, कंप्यूटर लैब और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मिलेंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में मिनिकॉय, एंड्रॉथ और कदमत में तीन 30-बेड के अस्पताल 231.96 करोड़ रुपये की लागत से बनाये जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने 127 करोड़ रुपये की लागत वाले नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय ने कदमत और कल्पेनी में पूर्वी तथा पश्चिमी जेटी निर्माण तथा एंड्रॉथ में नयी बंदरगाह केंद्र सहित 1,664.88 करोड़ रुपये के कार्य शुरू किये हैं। अगत्ती, कदमत, कल्पेनी, कवरत्ती और मिनिकॉय में सड़क तथा सुरक्षा दीवार जैसे समुद्र तट के विकास कार्यों के लिए 2,128.86 करोड़ रुपये के प्रस्ताव विचाराधीन हैं।
नीति आयोग के परामर्श से लक्षद्वीप में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मिनिकॉय, कदमत और सुहेली में तीन वाटर विला प्रोजेक्ट 810 करोड़ रुपये की लागत से विकसित हो रहे हैं। मुंबई, कोच्चि, अगत्ती और तिन्नकारा को जोड़ने वाली साप्ताहिक क्रूज सेवा भी शुरू हुयी हैं। डीजल पर निर्भरता घटाने के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ समझौता हुआ, 450 से अधिक घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम लगे और अगत्ती (0.3 मेगावाट) तथा कवरत्ती (1.4 मेगावाट) में सोलर संयंत्र शुरू किया गया है। छह द्वीपों पर 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले विलवणीकरण संयंत्र लगाये गये हैं। जल जीवन मिशन के तहत सभी द्वीपों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन से जल आपूर्ति के लिए 268.81 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।