तपते मौसम से बढ़ा ऑर्गन फेलियर का डर, स्वामी रामदेव से जानिए बढ़ते तापमान में खुद को कैसे रखें सेहतमंद

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: मई के महीने में बारिश ने जो नजर-ए-इनायत की थी, उससे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को गर्मी की तपिश का एहसास नहीं हुआ। जून की शुरुआत में भी लगा कि मॉनसून जल्दी आ जाएगा तो ये महीना भी सुकून से गुज़र जाएगा। लेकिन चढ़ते पारे ने सबकी गफलत दूर कर दी है। मैदानी इलाकों में भयंकर गर्मी पड़ रही है। राजस्थान में तापमान 47 डिग्री पार हुआ, तो दिल्ली में हीट इंडेक्स 52 तक पहुंच गया जिसे लेकर ऑरेज अलर्ट जारी कर दिया गया।
हालत ये है कि जो गर्मी दोपहर 12 बजे के बाद महसूस होती थी, उसका एहसास सुबह 10 बजे ही हो रहा है। और तो और रात को भी टेंपरेचर 34 के आसपास बना रहता है। ये गर्मी सेहत के लिए तो खतरा है ही मेंटल हेल्थ पर भी भारी पड़ रही है। इससे लोगों को समर ब्लूज की परेशानी हो रही है। जी हां जिस तरह से विंटर ब्लूज होता है वैसे ही समय ब्लूज भी होता है। इसे आप समर डिप्रेशन कह सकते हैं। आसान भाषा में समझें तो इस कंडीशन में लोग ज़्यादा थका थका महसूस करते हैं। उदास और चिड़चिड़े रहते हैं। मूड स्विंग्स होते हैं और नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है। दोस्तों-परिवार वालों से मिलने का मन नहीं करता, भूख कम या ज़्यादा लगती है और ज़्यादा पसीना निकलने से कई बार बेचैनी भी होने लगती है।
लेकिन गर्मी में डिप्रेशन या उदासी बढ़ती ही क्यों है। इसका कारण है तेज़ धूप और बढ़ा तापमान जो शरीर की एनर्जी को घटा देते हैं। उपर से स्वेटिंग, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक के डर से लोग मानसिक तौर पर थका थका महसूस करते हैं। उपर से फिजिकली सेहत को जो नुकसान पहुंचता है वो अलग। शरीर में पानी की कमी होने से ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। पाचन गड़बड़ाता है। ब्लड प्रेशर हाई, ब्रेन हैमरेज-हार्ट अटैक तक की नौबत आ सकती है। इस गर्मी से बचना है तो थोड़ी सी सावधानी अपनाएं और साथ ही सुबह के वक्त योग करें।