11 सालों में दुनिया ने देखी भारत की धमक

–मोदी सरकार के 11 साल में हर वर्ग को मिला लाभ, देश हुआ मजबूत
संपादकीय { गहरी खोज }: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 11 साल का सुनहरा सफर पूरा कर लिया हैं। यह तो केवल शुरुआत है। 26 मई 2014 को शुरू हुई यह यात्रा सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के मंत्र पर आधारित रही है। भारत का कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो मोदी सरकार के विकास कार्यों से अछूता रहा हो।इन वर्षों में भारत ने आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक मंच पर जो प्रगति की है दुनिया उसकी हामी भर रही है। आर्थिक मोर्चे पर जब बड़े-बड़े देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है तब भारत 11 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह कोई छोटी बात नहीं है। इस स्थान पर पहुंचने में मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का बड़ा योगदान रहा है जिन्होंने निवेश और नवाचार को बढ़ावा दिया। अगर बात स्वच्छ भारत मिशन की करें तो इस अभियान ने 11.72 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया, जबकि जल जीवन मिशन ने 11.82 करोड़ ग्रामीण घरों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया। मेरा मानना है कि स्वच्छ भारत अभियान’ सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं है, स्वास्थ्य के नजरिए से देखें तो भी हमें स्वच्छ भारत अभियान का सीधा फायदा मिला है।
महिला सशक्तिकरण पर भी मोदी सरकार का विशेष जोर रहा है जिसमें 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिलाओं को दिए गए और उच्च शिक्षा में उनकी भागीदारी 28 फीसदी बढ़ी। दुनिया की सबसे बड़ी आरोग्य योजना जिसे मोदी केयर योजना भी कहा जाता है, इस आयुष्मान भारत योजना ने 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया। विदेश नीति में भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति और वैश्विक मंचों पर बढ़ती साख ने देश को एक मजबूत वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है।
इसके साथ ही डिजिटल इंडिया की बात करें तो लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसे भेजने (डीबीटी ट्रांजैक्शन) में करीब 130 गुना की बढ़ोतरी हुई है। जनधन बैंक खातों, आधार कार्ड और मोबाइल के गठजोड़ ने 3.9 लाख करोड़ रुपये की लीकेज को रोका है। आज जहां जहां भाजपा की सरकार है वहां गरीब का कल्याण है। अगर 11 वर्षों के कार्यकाल को विकसित भारत एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का स्वर्णिम काल कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इन 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को न केवल वैश्विक पहचान दी है, बल्कि स्वयं को राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित कर 140 करोड़ भारतवासियों के लिए एक विश्वास का प्रतीक बनाया है। सुशासन अब संस्कृति के रूप में देखने को मिल रहा है। 11 वर्ष का यह कार्यकाल सेवा को संकल्प के रूप में, सुशासन को संस्कृति के रूप में और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। आजादी के 65 वर्षों में कांग्रेस नेतृत्व और अन्य अस्थिर सरकारों के कारण आमजन का विश्वास टूटा था, उनका भरोसा खंडित हुआ था, वैश्विक मंच पर भारत की छवि तार-तार हुई थी। पिछले 11 वर्षों के अंदर प्रधानमंत्री मोदी के रूप में भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण की राजनीति से मुक्त, एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने वाला एक नेतृत्व मिला है। सरकार के 11 साल ऐसे समय में पूरे हो रहे हैं जब पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति को पाकिस्तान में परखा और दुनिया ने भरोसे के साथ उस ताकत को देखा जो अभी आपरेशन सिंदूर के माध्यम से हम सबके सामने है। केंद्र सरकार सज्जनों के साथ शांति से विकास की बात करती है लेकिन कोई हम पर युद्ध थोपेगा, हमारी सुरक्षा पर सेंध लगाएगा, आतंकवाद को प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा तो उसका जवाब सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और आपरेशन सिंदूर से ही दिया जाएगा।
धारा 370 भारत के माथे पर एक कलंक के रूप में विद्यमान रही जिसे इसी मोदी सरकार ने एक झटके में उखाड़ फेंका विपक्षी नेताओं और बुद्धिजीवियों के तमाम दावे धरे के धरे रह गए। मोदी सरकार ने भारत की अखंडता को कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक भारत श्रेष्ठ भारत के नए माडल के रूप में प्रस्तुत किया है। पिछले 11 सालों में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ा हैं। इन 11 सालों में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भारत की राजनीति की संस्कृति को बदल दिया है। देश में 11 साल पहले, तुष्टिकरण व समाज को खंडित करके अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखना राजनीतिक संस्कृति का तरीका बन गया था। लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली जिम्मेदार व जवाबदेह सरकार आई है। मोदी सरकार से पूर्व देश मान चुका था कि ये संभव नहीं है, लेकिन मोदी सरकार में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, राम मंदिर का निर्माण, तीन तलाक की समाप्ति जैसे मजबूत फैसलों ने जनता का भरोसा भाजपा सरकार में और मजबूत किया है।
इसका परिणाम यह हुआ कि लोकसभा चुनाव में वहां वोट टर्नआउट 58.46 फीसदी रहा तो जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में टर्नआउट 63 फीसदी रहा। ये बदलाव, मोदी सरकार की बोल्ड फैसले लेने की वजह से आया है। पिछले दशक में मोदी सरकार ने किसान,एससी-एसटी और ओबीसी समेत समाज के सभी वर्गों की चिंता की है। उसी तरीके से इसने महिलाओं पर आधारित विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाया है। इस दौरान महिलाओं को पायलट बनाने से लेकर आर्मी में कमीशन देने तक, सैनिक स्कूलों में दाखिले से लेकर एनडीए में भर्ती तक, लखपति दीदी से लेकर स्वयं सहायता समूहों को प्रमोट करने तक मोदी सरकार में महिलाओं और एससी-एसटी और ओबीसी सभी को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। अभी आगे भविष्य में और भी बहुत बड़ी योजनाओं को अंजाम दिया जाना है जिसे भावी पीढ़ी हमेशा याद रखेगी।