शरीर में घुल रहा है प्लास्टिक का धीमा ज़हर, बाबा रामदेव बता रहे हैं इससे मुक्ति पाने के आसान और प्राकृतिक तरीके

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: आज से 50 साल पहले ‘रोटी’ फिल्म में राजेश खन्ना ने कहा था ऐसा एक इंसान चुनो जिसने पाप ना किया हो जो पापी ना हो। आज 2025 में हेल्थ एक्सपर्ट्स कह रहे हैं ऐसा एक इंसान चुनो जिसने प्लास्टिक का इस्तेमाल ना किया हो जिसके शरीर में प्लास्टिक ना हो। ऐसा इंसान चुनना नामुमकिन सा नज़र आता है जिसके शरीर में प्लास्टिक का ज़हर ना भरा हो। इसकी वजह से दुनिया में हर 30 सेकंड में एक मौत होती है क्योंकि एक इंसान हफ्ते में करीब 5 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक निगल रहा है जिसके कण शरीर में पहुंचकर कैंसर और दूसरी खतरनाक बीमारियों की वजह बनते हैं। लिवर, किडनी, ब्रेन, हार्ट के फंक्शन को अफेक्ट करते हैं हार्मानल बैलेंस बिगड़ जाता है। लोगों को तो छोड़िए इंसान के बनाए इस ज़हर से जंगली जानवर और समुंद्री जीव भी नहीं बच पा रहे। हर साल लाखों की तादाद में उनकी भी मौत हो रही है। ऐसे में करें तो करें क्या क्योंकि तमाम नियम-कानून लागू होने के बावजूद ये लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बना हुआ है।
पानी की बोतल से लेकर चाय के डिस्पोज़ल कप तक, दुकानों पर सामान के साथ मिलने वाले पॉलिथिन से लेकर ऑनलाइन आने वाली फूड डिलीवरी की कटलरी तक हर जगह प्लास्टिक का जाल फैला है। एप्स से मंगाया जाने वाला, ये खाना तो सबसे ज़्यादा प्लास्टिक पॉल्यूशन की वजह बन रहा है। लोग फूड फिनिश करते हैं और प्लास्टिक के वो बर्तन इधर-उधर फेंक देते हैं। कचरा फेंकने की इसी गैर ज़िम्मेदाराना हरकत की वजह से हर साल करीब साढ़े 35 करोड़ टन waste पैदा होता है जो समंदर से लेकर पर्यावरण तक को नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए तो इस बार वर्ल्ड एनवायरमेंट डे की थीम ही थी ‘प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति’ और ये मुक्ति अगर नहीं मिली तो हर 30 सेकंड में 1 मौत का जो आंकड़ा है वो कब बढ़ जाएगा पता भी नहीं चलेगा। इसलिए आज से ही खुद से वादा कीजिए कि इस जानलेवा चीज़ का इस्तेमाल नहीं करेंगे और जो माइक्रोप्लास्टिक का ज़हर शरीर में पहुंच चुका है उसे डिटॉक्स करके बाहर निकालने के लिए योग ज़रूर करेंगे।

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