वट सावित्री पूर्णिमा व्रत कर रहीं है तो नोट कर लें यह अहम बातें, जानें कैसे करनी है पूजा

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धर्म { गहरी खोज } : आज वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत मनाया जा रहा है, यह सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद शुभ माना गया है। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। इस पर्व पर सभी महिलाएं पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए निर्जला व्रत रखती है। इस दिन वट वृक्ष की पूजा का भी विधान है। मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का वास होता है। इसलिए इस वृक्ष की पूजा करने से सभी देवताओं का आशीष मिलता है। जानकारी दे दें कि यह पर्व साल में 2 बार मनाया जाता है, पहला ज्येष्ठ अमावस्या और दूसरा ज्येष्ठ की पूर्णिमा तिथि पर।

व्रट सावित्री पूर्णिमा 2025 के लिए शुभ समय
पंचांग के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत आज सुबह 11.35 बजे से होगी, जो 11 जून की दोपहर 01.13 बजे तक रहेगी। उदया तिथि की मान्यता के कारण आज व्रत रखा जाएगा और कल स्नान-दान किया जाएगा।

पूजन सामग्री
पूजा करने जा रही महिलाओं को वट वृक्ष पर कुछ खास चीजें चढ़ानी चाहिए। पूजा के लिए बांस का पंखा, कच्चा सूत, सिंदूर, रोली, अक्षत, कुमकुम, चंदन, फूल, फल, भिगोए हुए काले चने, मिठाई, नारियल, धूप, दीपक, कलश और श्रृंगार का सामान खरीदें। इसके अलावा, वट वृक्ष के नीचे सवा मीटर लाल या पीला कपड़ा भी चढ़ाएं और वट सावित्री व्रत कथा का पाठ करें।

क्या है पूजन विधि?
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें, फिर सोलह श्रृंगार करें।
इसके बाद वट वृक्ष के नीचे सफाई करें।
अब वृक्ष पर जल चढ़ाएं।
कच्चा सूत का धागा वृक्ष पर बांधे और परिक्रमा करें।
अब व्रत कथा सुने या कहें और आरती करें।
इसके बाद गरीबों और जरूरतमंदों के बीच कपड़े, अन्न आदि दान करें।

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