राजस्थान को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य: मुख्यमंत्री शर्मा

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जयपुर{ गहरी खोज }: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को कहा कि राजस्थान को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना राज्य सरकार का लक्ष्य है। शर्मा सोमवार को पुष्कर में ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को समझते हुए डेढ़ साल में पानी की निर्बाध आपूर्ति के लिए लगातार निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि रामजल सेतु लिंक परियोजना से 17 जिलों के लोगों को पेयजल मिलेगा और लगभग 4.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
इसी तरह, शेखावाटी अंचल में यमुना जल समझौता से क्षेत्र के लोगों को पानी की निर्बाध आपूर्ति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर, देवास परियोजना, माही बांध, सोम-कमला-अंबा सहित विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में जल संचयन तथा पानी की उपलब्धता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
शर्मा ने कहा,‘‘हम पानी के क्षेत्र में राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।’’
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जल का कोई विकल्प नहीं है, जल है तो कल है। ऐसे में आने वाली पीढ़ी को पर्याप्त जल उपलब्ध कराने के लिए जल संरक्षण हम सबकी महती जिम्मेदारी है।’’
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान शुरू किया है। इसके तहत प्रवासी राजस्थानी के योगदान से राज्य में अगले चार साल में लगभग 45 हजार जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में प्रत्येक जिले में कम से कम 125 जल संरक्षण संरचनाओं सहित करीब पांच हजार संरचनाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार ने पिछले वर्ष सात करोड़ से अधिक पौधे लगवाए और इस साल 10 करोड़ पौधे लगवाने का लक्ष्य है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आमजन से इस अभियान में बढ़चढ़कर भागीदारी करने की अपील करते हुए कहा कि सबको जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहते हुए जल का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अजमेर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के प्रथम चरण के अंतर्गत 13.51 करोड़ रुपये के 553 जल संग्रहण संरचनाओं तथा द्वितीय चरण के अंतर्गत नौ करोड़ 61 लाख रुपये की 176 जल संग्रहण संरचनाओं का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया।

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