भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जी7 में आमंत्रित किया जाना चाहिए: कार्नी

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ओटावा/नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी आबादी सबसे ज्यादा है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए उसे जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जाना चाहिए।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री कार्नी से यह पूछे जाने पर कि कनाडा ने श्री मोदी को क्यों आमंत्रित किया जबकि कनाडा सरकार ने जस्टिन ट्रूडो की तत्कालीन सरकार के तहत नयी दिल्ली पर ‘हत्या और धमकी के अभियान’ में शामिल होने का आरोप लगाया था, उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश ‘कानून प्रवर्तन वार्ता जारी रखने’ के लिए सहमत हुए हैं ताकि ‘जवाबदेही के मुद्दों को पहचाना जा सके।’
उन्होंने कहा ‘कनाडा जी7 अध्यक्ष की भूमिका में है और उन चर्चाओं में जैसा कि हमारे जी7 सहयोगियों के साथ सहमति हुई है, ऊर्जा सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण खनिजों और उभरते और विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर साझेदारी पर महत्वपूर्ण चर्चाएँ शामिल हैं। कुछ ऐसे देश हैं जिन्हें उन चर्चाओं के लिए टेबल पर होना चाहिए और जी7 अध्यक्ष के रूप में मेरी क्षमता, दूसरों के परामर्श से उन निर्धारणों को करती है।
उन्होंने कहा ‘भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, प्रभावी रूप से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, उन आपूर्ति श्रृंखलाओं में से कई के लिए केंद्रीय है, उन आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में है और इसलिए यह (आमंत्रण) समझ में आता है।’
उन्होंने कहा ‘इसके अलावा, द्विपक्षीय रूप से हम अब महत्वपूर्ण रूप से कानून प्रवर्तन वार्ता जारी रखने के लिए सहमत हुए हैं इसलिए उस पर कुछ प्रगति हुई है जो जवाबदेही के मुद्दों को पहचानती है। मैंने उस संदर्भ में पीएम मोदी को निमंत्रण दिया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।’
कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया: ‘प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। दोनों नेताओं ने कनाडा और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर चर्चा की, जिसमें लोगों के बीच गहरे संबंध और महत्वपूर्ण वाणिज्यिक संबंध शामिल हैं। महत्वपूर्ण रूप से कानून प्रवर्तन वार्ता और सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करने वाली चर्चाओं को जारी रखने पर सहमति हुई।’
बयान में कहा गया ‘श्री कार्नी ने श्री मोदी को अल्बर्टा के कनानसकिस में कनाडा के 2025 जी7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं ने संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की और इस महीने के अंत में जी7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में मिलने की उम्मीद जताई।’
श्री कार्नी का निमंत्रण और श्री मोदी की उपस्थिति दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का संकेत है जो जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में खालिस्तानी तत्वों के समर्थन के कारण काफी खराब हो गए थे।
श्री मोदी ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा ‘दोनों देश आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे और वह शिखर सम्मेलन में उनकी मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं।’
इस बीच कनाडा स्थित विश्व सिख संगठन ने भारतीय प्रधानमंत्री को जी7 में आमंत्रित करने के पीएम कार्नी के फैसले की निंदा की और इसे ‘विश्वासघात’ करार दिया।
कनाडा के बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष गोल्डी हैदर ने जी7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में श्री मोदी के शामिल होने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कनाडा और भारत के लिए अपने संबंधों को फिर से स्थापित करने और आने वाले महीनों में अगले कदम तय करने का एक स्पष्ट अवसर है।
श्री हैदर ने कहा, ‘वैश्विक मोर्चे पर, यह महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र इस तरह के चुनौतीपूर्ण और अनिश्चित समय में मिलकर काम करें।’ पिछले सप्ताह विदेश मंत्री अनीता आनंद ने कहा कि कनाडा अमेरिका से अलग व्यापार में विविधता लाने के प्रयास के तहत भारत के साथ ‘एक-एक कदम’ संबंधों को फिर से बनाने के लिए तत्पर है।
जी7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष और कई अन्य देशों के भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है।

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