सेना पर बार-बार आरोप लगा राहुल अदा कर रहे पाकिस्तान के प्रवक्ता की भूमिका : केशव प्रसाद

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लखनऊ { गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जिस तरह भारतीय सेना पर बार-बार आरोप लगा रहे हैं, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह पाकिस्तान के प्रवक्ता की भूमिका में हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पूरी तरह से ‘बेलगाम’ हो चुके हैं और उनके बयानों की दिशा अब स्पष्ट रूप से राष्ट्रहित के विरुद्ध दिखाई देने लगी है। राहुल गांधी जिस तरह भारतीय सेना पर बार-बार अनाप-शनाप आरोप लगाते हैं, वह उन्हें एक जिम्मेदार सांसद नहीं, बल्कि पाकिस्तान के प्रवक्ता की भूमिका में खड़ा कर देता है। राहुल गांधी का स्वर न तो देश की जनता के अनुरूप होता है, न ही भारत की संप्रभुता और सुरक्षा की भावना के साथ मेल खाता है – बल्कि उनकी भाषा और भाव-भंगिमा में विदेशी ताकतों की ‘डिक्टेशन’ साफ झलकती है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब-जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक करता है, तब-तब राहुल गांधी की ‘ज़ुबान पाकिस्तानी’ हो जाती है। राहुल गांधी अक्सर देश की सेना के पराक्रम पर सवाल उठाकर हमारे जवानों के शौर्य और बलिदान का अपमान करते हैं। जब-जब भारत आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई करता है, जब-जब हमारी सेना दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देती है, तब-तब राहुल गांधी जैसे नेता भारत से ज़्यादा चिंता पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय लॉबियों की करने लगते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता अब ‘राष्ट्रवाद’ को तुच्छ मानने लगे हैं और ‘वोट बैंक’ और ‘वोटबैंक की पसंद’ को प्राथमिकता देने लगे हैं। राहुल गांधी का व्यवहार न केवल संसदीय मर्यादाओं के विरुद्ध है, बल्कि देश की सुरक्षा नीति को कमजोर करने वाला भी है। देश को यह जानने का पूरा अधिकार है कि विपक्ष के नेता किसके इशारे पर भारत के विरुद्ध खड़े हो जाते हैं। मोदी सरकार और देश की जनता सेना के साथ खड़ी है, राष्ट्रवाद के साथ खड़ी है, और ऐसे ‘बेलगाम बयानवीरों’ को लोकतंत्र की मर्यादा और देशभक्ति का पाठ पढ़ाना अब समय की मांग है।
केशव प्रसाद मौर्य ने अपने ‘एक्स’ हैंडल से भी पोस्ट करते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “राहुल गांधी अपने कपार पर संविधान रखकर पूरी दुनिया में ‘छुट्टा’ घूम रहे हैं। इसके साथ ही वह संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार हमला करने का ‘दुस्साहस’ भी कर रहे हैं। उनके लिए या तो संविधान एक किताब है या फिर उनका संविधान प्रेम महज एक ‘मुखौटा’।

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