अनाथ बच्चे भीख मांगने को मजबूर, कांग्रेस की योजनाएं ठपः अशोक गहलोत

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जयपुर{ गहरी खोज }: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की भजनलाल सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार जरूरतमंद अनाथ बच्चों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है, जिसके चलते ये मासूम भीख मांगने को मजबूर हैं। गहलोत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई लगभग हर सामाजिक सुरक्षा योजना की ऐसी ही स्थिति बन गई है।
गहलोत ने अपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान कोविड-19 महामारी से अनाथ हुए बच्चों के लिए चलाई गई ‘मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना’ का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे को तात्कालिक सहायता के रूप में ₹1.00 लाख की एकमुश्त सहायता, 18 वर्ष की आयु तक ₹2500 प्रतिमाह और ₹2000 वार्षिक दिए जाते थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पालनहार योजना का भी उल्लेख किया, जिसके अंतर्गत 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए ₹500 प्रतिमाह और स्कूल में प्रवेश के बाद 18 वर्ष की आयु पूरी करने तक ₹1000 प्रतिमाह की राशि देय थी।
गहलोत ने जिला कलेक्टर, सीकर से इन बच्चों को इन दोनों योजनाओं में से नियमानुसार लाभ दिलवाना सुनिश्चित करने का आग्रह किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वे पिछली कांग्रेस सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण समाज के सबसे कमजोर तबके, विशेष रूप से अनाथ बच्चे, कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों का भीख मांगने को मजबूर होना राज्य सरकार की संवेदनहीनता और अक्षमता को दर्शाता है।
गहलोत ने जोर देकर कहा कि सरकार को इन मासूमों के भविष्य की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें सभी आवश्यक सहायता और सुरक्षा मिले, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। उनका यह बयान मौजूदा सरकार पर सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों पर दबाव बनाने की कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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