कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं: डॉ.वली

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The President, Dr. A.P.J. Abdul Kalam presenting Padma Shri to Dr. Mohsin Wali, at an Investiture Ceremony at Rashtrapati Bhavan in New Delhi on March 23, 2007.

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: पद्म पुरस्कार से सम्मानित एवं तीन राष्ट्रपतियों के निजी चिकित्सक रहे डॉ. मोहसिन वली ने कहा है कि देश में एक बार फिर बढ़ रहे काविड के मामलों से घबराने की नहीं बल्कि इसके संक्रमण से सावधान रहने और इससे बचने के उपाय करने की आवश्यकता है।
जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. वली ने शनिवार को ‘यूनीवार्ता’ के साथ विशेष बातचीत में यह बात की। कोविड-19 को लेकर कई तरह की आशंकाओं से घिरे लोगों के लिए उन्होंने कहा,“कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे हुई कुछ मौतों ने हमें सचेत कर दिया है।”
डाॅ.वली ने कहा,“ यह एक रेस्पिरेटरी वायरस है, यह एक सार्स वायरस है ,यह कोविड-2 वायरस है और इसका जो आजकल वेरिएंट आ रहा है वह ओमीक्रॉल का वेरिएंट है। इसके स्पाइक प्रोटीन में बदलाव आ गया है और इसने सेल्स से चिपकने की शक्ति थोड़ा बढ़ा ली है। लेकिन हमें इस वायरस से नहीं ,इसके संक्रमण से सचेत रहना है।”
भारतीय सशस्त्र बलों के मानद सलाहकार डाॅ. वली ने कहा कि संक्रमण से सचेत रहरने का मतलब यह है इससे बचने के लिए मास्क लगाना चाहिए, सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए और लोगों से दो मीटर की दूरी पर रहना चाहिए।उन्होंने कहा,“ संक्रमण से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि कोविड ‘एप्रोप्रिएट प्रोटोकॉल’ का पालन करना है। बाहर से आकर सीधे छोटे बच्चों या बुजुर्गों के पास नहीं जाना है। अगर खांसी -जुकाम और बुखार तीन दिनाें से ज्यादा हो तो डॉक्टर के पास जाकर कोविड का टेस्ट करवाना चाहिए। अगर टेस्ट पॉजिटिव आ जाये,तो घबराने की जरूरत नहीं है। अपने को ‘आइसोलेट’ रखें और डॉक्टर की सभी सलाह मानें।”
डाॅ. वली ने कहा कि वायरस से संक्रमित ज़्यादातर लोगों को हल्की से मध्यम श्वसन संबंधी बीमारी होती है और उन्हें विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती। दमा, दिल या गुर्दे की बामारी वाले लोगोमं को जुकाम या बुखार होने पर अधिक सावधान रहने की जरूरत है। इसके अलावा जिनका किडनी या लिवर का ट्रांसप्लांट हुआ है उन्हें भी सर्तकता बरतनी होगी। इससे ज्यादा कुछ नहीं करना है। सरकार इसकी निगरानी कर रही और जब भी इसमें कोई दूसरा वेरिएशन आयेगा उसे पकड़ लिया जायेगा।
डॉ. वली देश के तीन राष्ट्रपतियों- श्री आर. वेंकटरमण, डॉ. शंकर दयाल शर्मा और श्री प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल में उनके निजी चिकित्सक रहे हैं और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी और ग्लासगो के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन के फेलो हैं।

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