गिरफ्तारी से बचने को अस्पताल में भर्ती फर्जी कस्टम इंस्पेक्टर भेजा गया जेल

बरेली{ गहरी खोज }: गिरफ्तारी से बचने के लिए सीने में दर्द होने का बहाना बनाकर इलाज के लिए पिछले कई दिनों से 300 बेड अस्पताल में भर्ती फर्जी कस्टम इंस्पेक्टर को बारादरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपी के पास से दो जोड़ी वर्दी, दो आईडी और अन्य सामान बरामद किया।
हाफिजगंज निवासिनी इकरा ने अपने पति शहजाद अहमद निवासी हाफिजगंज के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और फर्जी कस्टम इंस्पेक्टर बनकर शादी करने का आरोप लगाते हुए थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी को तलाश करने लगी थी। इसी बीच आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई, लेकिन वह बीमार हो गया। तब पुलिस ने उसे छोड़ दिया था, लेकिन जब पुलिस दोबारा आरोपी के घर पर पहुंची तो वह गायब मिला।
लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि शहजाद गिरफ्तारी से बचने के लिए सीने में दर्द होने का बहाना बनाकर 300 बेड अस्पताल में भर्ती हो गया है। इसके बाद इंस्पेक्टर धनंजय पांडेय ने उसे 300 बेड अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से पुलिस को दो खाकी वर्दी, 2 फ्लेप जिसमें 3-3 स्टार लगे हुए हैं। एक सीटी, दो नेम प्लेट, जिस पर शहजाद अहमद लिखा है। एक बाजू लोगो, दो ईएमई बैज, एक खाकी पी कैप, एक लाल रंग की चमड़े की बेल्ट, दो आधार कार्ड, दो फर्जी आईडी, जिस पर आरोपी के फोटो लगे हैं। आईडी पर असिस्टेंट कमिश्नर के अंग्रेजी में हस्ताक्षर हैं। दूसरा आईडी कार्ड उत्तर प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर का है।
आरोपी शहजाद ने पूछताछ में बताया कि हाफिजगंज में उसके मकान के पास ही इकरा का परिवार किराये पर रहता था। तब वह इकरा के घर आने जाने लगा। उसे इकरा से प्रेम हो गया। तब उसने इकरा के परिजनों से शादी की बात की, लेकिन इकरा के घर वालों ने बेरोजगार से बेटी का निकाह करने से इनकार कर दिया। वह बीकाम है। नौकरी की तलाश में वह कुछ दिन मुरादाबाद रहा। वहां रहकर कस्टम इंस्पेक्टर और उत्तर प्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर की परीक्षा की तैयारी की।
आरोपी ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में फेल हो गया। इसी बीच सीजीएल की परीक्षा का परिणाम आ गया। वह नेट पर रिजल्ट देख रहा था। तब उसने देखा कि 2643 नंबर पर अंकित एक लड़का शहजाद अंसारी पुत्र मुमताज अंसारी पास हुआ है। इसके बाद उसने ऑनलाइन सीजीएल लिस्ट को एडिट करके शहजाद अंसारी के स्थान पर अपना नाम शहजाद अहमद और पिता का नाम मुश्ताक अहमद कर लिया। इसके बाद उसने मुरादाबाद में दो जोड़ी वर्दी सिलवाईं और वहीं से पुलिस का सारा सामान खरीदा।
आरोपी ने बताया कि उसने यूट्यूब से पुलिसिया स्टाइल सीखा। कस्टम इंस्पेक्टर कैसे बात करते हैं। कैसे चलते हैं। वर्दी कैसी पहनी जाती है। पूरा स्टाइल सीखकर वह वर्दी में अपने कस्बे में पहुंचा। तब वहां के लोगों ने उसका जमकर स्वागत किया। कई चैनलों पर उसका इंटरव्यू हुआ। इससे उसका मनोबल बढ़ गया। फेसबुक पर वर्दी पहनकर कई वीडियो अपलोड किए। जब इकरा के परिजनों को पता चला कि वह कस्टम इंस्पेक्टर बन गया है। तब वे लोग भी शादी के लिए तैयार हो गए। उसने इकरा से भी यह बात छिपाई थी।
आरोपी ने बताया कि दहेज को लेकर उसके परिजन और वह इकरा को परेशान करने लगा। इस दौरान वह ड्यूटी पर भी नहीं गया और घर पर रहा, जिससे पैसों की तंगी होने लगी। इकरा पूछती तो डांट देता। तब इकरा के भाई को उस पर शक हुआ। इसके बाद इकरा ने परिजनों के कहने पर उसके खिलाफ थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज करा दी। सीने में दर्द होने पर परिजनों ने उसे तीन सौ बेड अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फर्जी कस्टम इंस्पेक्टर को तीन सौ बेड अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को पूछताछ के बाद जेल भेजा गया है।