जग जाहिर है आरएसएस-भाजपा की दलित विरोधी सोच : कांग्रेस

नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : कांग्रेस ने कहा है पिछले दस साल से भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (भाजपा आरएसएस) के लोगों ने कमजोर लोगों पर अत्याचार किया है, इसलिए संविधान मानने वाले लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उनके संगठन बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान में यक़ीन नहीं करते हैं।
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के विधायक जिग्नेश मेवानी में शनिवार को यहां पार्टी के नए मुख्यालय इंदिरा भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसी सोच के कारण पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली की सड़कों पर संविधान की कॉपी को जलाई गई, रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर किया किया गया, हाथरस की बेटी का शव उसके परिवार को अंतिम दर्शन के लिए नसीब नहीं हुआ, गुजरात के ऊना में दलित युवकों को बेरहमी से पीटा गया, भीमा कोरेगांव के मामले में लोगों को वर्षों तक जेल में डाला गया और श्री शाह ने सदन में घृणा भाव से कहा कि अंबेडकर- अंबेडकर करना आजकल फैशन बन गया है।
उन्होंने कहा कि इसी सोच का परिणाम है कि बिहार में 11 साल की दलित बेटी के साथ दुष्कर्म कर उसके शरीर पर गहरे घाव के निशान देखे गये। वह जीवन-मरण के बीच जूझती है, लेकिन वह पांच घंटे अस्पताल में बेड के लिए एंबुलेंस में इंतजार करती है। गुजरात के अमरेली में 19 साल के दलित युवक की सरेआम हत्या कर दी जाती है और पाटन में दलित बुजुर्ग को जिंदा जला दिया जाता है। ऊना की घटना को छोड़कर पिछले 20 साल में गुजरात के किसी भी मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, बड़े नेता को दलित, आदिवासी पीड़ितों के साथ खड़े नहीं देखा गया। यहां तक कि वे संवेदना का ट्वीट करने को भी तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री को याद दिलाते हुए कहा, “जब कई साल पहले ऊना में घटना हुई थी तो श्री मोदी ने कहा था- ‘मारना है तो मुझे मारो, मेरे दलित भाइयों को मत मारो’ आज आठ साल हो गए हैं, लेकिन देश के अलग-अलग कोने में दलितों, आदिवासियों के साथ हिंसा और अन्याय हो रहा है। ऐसे में श्री मोदी से सवाल है कि आखिर देश में यह अत्याचार रुक क्यों नहीं रहा है।”