सूर्य का मृगशिरा नक्षत्र में होगा प्रवेश, 8 जून के बाद धन और परिवार के मामलों में सतर्क रहें ये राशियां

धर्म { गहरी खोज } :सूर्य को ज्योतिष में ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्य आत्मा, पिता, सरकारी कार्यों, मान-सम्मान और आध्यात्मिकता के कारक ग्रह हैं। जब भी ये राशि या नक्षत्र बदलते हैं तो हर राशि पर कुछ-न-कुछ असर देखने को मिलता है। इनकी शुभ स्थिति जहां जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाती है वहीं प्रतिकूल स्थिति में ये व्यक्ति के जीवन में चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं। सूर्य ग्रह 8 जून को रोहिणी नक्षत्र से निकलकर मृगशिरा नक्षत्र में गोचर कर जाएंगे और 22 जून तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। मृगशिरा सूर्य के मित्र मंगल का नक्षत्र है। इस नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश कुछ राशियों के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है। ये राशियां कौन-कौन सी हैं और क्या उपाय इनके जीवन की प्रतिकूलता को कम कर सकते हैं, आइए जानते हैं।
तुला राशि
सूर्य का नक्षत्र बदलना आपके आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है। अपनी बातों को लोगों के सामने रखने में आपको समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी बातों को तोड़-मरोड़कर सीनियर्स के सामने रखा जाएगा, जिससे आपको लेकर अधिकारी गलत राय बना सकते हैं। बेवजह सोच-विचार करते रहना आपको मानसिक पीड़ाएं दे सकता है। इस किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा न करें धोखा मिलने की आशंका है। उपाय के तौर पर आपको सूर्य देव को जल का अर्घ्य सुबह के समय देना चाहिए।
धनु राशि
आपके जीवन में भटकाव की स्थिति बन सकती है। परिवार और करियर के बीच में संतुलन बिठाने में भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान अनुभवी लोगों की सलाह आपके काम आएगी। जीवनसाथी के साथ नोकझोंक करने से बचें नहीं तो रिश्ता खराब हो सकता है। माता के पक्ष के लोगों से अनबन हो सकती है। वहीं उदर और गले से संबंधित विकार भी इस राशि के कुछ जातकों को परेशान करेंगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थी आलस्य करने से बचें इसका बुरा असर आपके रिजल्ट पर पड़ सकता है। उपाय के तौर पर विष्णु भगवान की पूजा करें।
कुंभ राशि
इस राशि के लोगों को पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। माता-पिता के साथ किसी तीसरे शख्स (प्रेमी या प्रेमिका ) को लेकर बहसबाजी हो सकती है। हालांकि, अभिभावकों के साथ बातचीत के दौरान मर्यादा की सीमाएं लांघने से बचें। करियर को लेकर कोई बड़ा फैसला इस दौरान न लें। हर कार्य को इस दौरान आपको ठंडे दिमाग से करना होगा। लोगों की राय से ज्यादा अपने अंतर्मन की पुकार को सुनें। उपाय के तौर पर आपको भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।