बकरीद मुबारक! अपनों को भेजें ये खूबसूरत मैसेज और दुआएं

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: इस्लामिक कैलेंडर का सबसे अहम त्योहारों में से एक है ईद-उल-अजहा, जिसे आम बोलचाल में बकरीद कहा जाता है। ये त्योहार सिर्फ कुर्बानी का नाम नहीं है, बल्कि यह कुर्बानी, इबादत और प्यार का भी है। बकरीद हजरत इब्राहीम (अलैहि सलाम) की अल्लाह के प्रति वफादारी और कुर्बानी की भावना की याद में मनाई जाती है। बकरीद का त्योहार आपसी भाईचारे, मोहब्बत और मदद की भावना को और भी मजबूत करता है।

इस दिन लोग ईद की नमाज अदा करते हैं, जानवरों की कुर्बानी देते हैं और गरीबों, जरूरतमंदों में मांस और मिठास बांटते हैं। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमारी खुशियां तभी मुकम्मल होती हैं, जब हम दूसरों के साथ उन्हें बांटते हैं। इस खास मौके पर हम अपने अपनों को याद करते हैं और दिल से मुबारकबाद भेजते हैं। अगर आप भी इस बकरीद अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों को खास अंदाज में मुबारकबाद भेजना चाहते हैं, तो हम आपके लिए 10 बेस्ट मैसेज लाए हैं।

  1. ईद-उल-अजहा का मुबारक मौका है आया, हर तरफ है खुशी और मुस्कान का साया, कुर्बानी की है ये मिसाल पुरानी, पूरी आज की बकरीद पर ये है दुआ हमारी। बकरीद मुबारक!
  2. हर दुआ में तेरी खुशी की बात हो, हर कदम पे तुझे कामयाबी साथ हो, बकरीद का ये पाक दिन तेरे लिए खास हो, तू जहां भी रहे, खुदा का तुझ पर रहमतों का साथ हो ईद-उल-अजहा मुबारक!
  3. नमाज़ में हो सुकून, कुर्बानी में हो बरकत, खुशियां हो दोगुनी और रिश्ते हों मजबूत, इस बकरीद आपके घर आए खुशियों की बहार बकरीद मुबारक!
  4. तेरी मुस्कान हो कभी ना कम, तेरी दुआएं हों सबके लिए नम, तेरा ईमान हो रौशन सितारे की तरह, और तेरी बकरीद हो खास खुदा की इनायत से ईद मुबारक!
  5. कुर्बानी का पैगाम लेकर आई है ईद, अल्लाह की रहमत और बरकत के साथ, हर ग़म भूल जाएं, हर खुशी को बांट लें, दुआ है मेरी, ये ईद लाए सबके लिए अमन और शांति बकरीद मुबारक!
  6. कुर्बानी का त्योहार है आया खुशियों का पैगाम साथ लाया, हर दुआ कबूल हो आपकी, हर कदम पे हो रौशनी खुदा की छाया बकरीद मुबारक!
  7. दिल से निकली दुआएं लेकर आई है ईद, खुशियों की सौगात लेकर आई है ईद, कुर्बानी का पैगाम लेकर आई है ईद, अल्लाह की रहमत बरसाने आई है ईद। ईद-उल-अजहा मुबारक!
    8.चांद की चांदनी से रोशन हो जिंदगी आपकी, कुर्बानी से भरी हो ईमां की झोली आपकी, हर तमन्ना हो पूरी दिल की, बस ये दुआ है बकरीद की। बकरीद की ढेरों मुबारकबाद!
    9.अल्लाह की रहमत में डूब जाए ये जहां हर किसी के घर आए खुशियों का समां, नफरतें मिटें, मोहब्बत बढ़े, बस यही पैगाम है इस बकरीद का। बकरीद मुबारक!
  8. नमाज में हो सुकून, कुर्बानी में हो बरकत, रब की रहमत से भर जाए हर सरहद, बांट दो प्यार, मोहब्बत और मदद, बकरीद लाए हर दिल में अमन और राहत। बकरीद मुबारक हो!

बकरीद क्यो मनाई जाती है?
बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। ये त्योहार त्याग और कुर्बानी की भावना से जुड़ा है। इसे हज़रत इब्राहीम (अलैहि सलाम) की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया था। लेकिन जब वे अपने बेटे की कुर्बानी देने ही वाले थे, तब अल्लाह ने उनके बेटे की जगह एक भेड़ भेज दिया और उनके एक लौटे बेटे को बचा लिया। तभी से इस दिन जानवर की कुर्बानी दी जाती है, जो ईमान और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है। बकरीद पर लोग नमाज पढ़ते हैं, कुर्बानी करते हैं और मांस को गरीबों, रिश्तेदारों और अपने बीच बराबर बांटते हैं।

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